आखिर Paytm का शेयर क्यों गिर रहा? क्यों घाटे में हैं Paytm? https://ift.tt/33sj2cK - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Wednesday, January 12, 2022

आखिर Paytm का शेयर क्यों गिर रहा? क्यों घाटे में हैं Paytm? https://ift.tt/33sj2cK

पेटीएम के शेयर इस समय लगातार गिर रहे हैं जिससे इसमें निवेश करने वालों की चिंता बढ़ गई है। आज दोपहर तक पेटीएम का स्टॉक लगभग −38.20 (3.41%) की गिरावट के साथ 1,081.45 पर ट्रेड कर रहा है। पेटीएम की ऑपरेटर कंपनी One97 Communications 18 नवंबर को लिस्टिंग हुई थी परंतु अब इसका इशू प्राइस 2150 से गिरकर 1130 से भी नीचे आ गया है। इसका अर्थ है कि IPO निवेशकों को हर लॉट पर 6 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। ब्रोकरेज फर्म Macquarie स्टॉक के लिए अपने टारगेट को 1,200 रुपये से 25% घटाकर 900 रुपये कर दिया है। 7 जनवरी के बाद से अब तक कि ये गिरावट 28 फीसदी है। इसका अर्थ है कि मैक्वेरी ने स्टॉक पर अपनी 'अंडरपरफॉर्म' रेटिंग बरकरार रखी। जिस तरह से Paytm का स्टॉक आए दिन गिर रहा है उससे लोगों के मन में सवाल है कि आखिर Paytm घाटे में क्यों चल रहा है।

क्यों गिर रहे हैं शेयर ?

पेटीएम का मार्केट प्राइस अब 45 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया है। Paytm को हो रहे घाटे के पीछे कई कारण हैं और इस रिपोर्ट में हम कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे जिस कारण Paytm घाटे में चल रहा है।

1. रेग्युलेटरी चैलेंज ( Regulatory Challenge): पेटीएम एक फिनटेक कंपनी है। ये एक पेमेंट बैंक है परंतु इस कंपनी के लिए पैसों को रेग्युलेट करना और उसे मैन्टैन करना बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

2. वॉलेट के लिए नियम और विनियम ( Rules and Regulations) : जल्द ही कई नियम वॉलेट के लिए आ सकते हैं और रेगुलेटर से कुछ नियम आ भी चुके हैं। इसके कारण पैसे को बढ़ाना या डिपॉजिट को बढ़ाना Paytm के लिए चुनौती बनकर उभरा है।

3. मर्चेंट फंडिंग में कमी आना: जब किसी कारोबारी को अपना व्यापार चलाने के लिए पैसे कम पड़ते हैं तब उन्हें किसी वित्तीय संस्था द्वारा तत्काल पैसा लोन के रुप में दिया जाता है, इसे ही मर्चेंट फंडिंग कहते हैं। पेटीएम ने मर्चेंट लेंडिंग बिजनेस को मजबूत करने के लिए नीतियां बनाईं और कई योजना भी लेकर आई परंतु इतने प्रयासों के बावजूद अपने लोन बिजनस में कमजोर साबित हुई है। यही कारण है कि पेटीएम ने अपने मर्चेन्ट बिजनस को न बढ़ाने का निर्णय लिया है।
4. रोजगार लागत में बढ़त भी एक बड़ा कारण हो सकता है।

5. प्रॉफ़िट का स्कोप कम: Macquarie का अपने टारगेट को कम करना दिखाता है कि उसे पेटीएम से लाभ की कोई उम्मीद नहीं है।
6. फंड मैनेजर का पेटीएम से दूरी बनाना भी एक बड़ी वजह है। जब फंड मैनेजरों को लगता है कि स्टॉक निकट भविष्य में कम कीमत पर ही ट्रेड कर सकता है तो वे लॉस बुक करके शेयर से बाहर निकल जाते हैं। हाल ही में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC Mutual fund ) ने भी अपनी हिस्सेदारी पेटीएम से घटा दी है।

कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि पेटीएम 2025 से पहले लाभ नहीं कमा सकता है। ऐसे में पेटीएम को अब नए फंड मैनेजर की आवश्यकता है जिसका प्रॉफ़िट प्रोफाइल न हो। प्रॉफ़िट प्रोफाइल का अर्थ है कि उसे कंपनी से न शॉर्ट टर्म में और न ही लॉन्ग टर्म में कोई लाभ की उम्मीद है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3Fl6tx6

No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages