मछली कारोबार में लगे 1.4 करोड़ लोग हुए प्रभावित; हर बोट मालिक को औसतन 3 लाख रु.का नुकसान, सिर्फ गुजरात में 900 करोड़ रु. का नुकसान हो सकता है https://ift.tt/3aAhU4O - SAARTHI BUSINESS NEWS

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Friday, April 24, 2020

मछली कारोबार में लगे 1.4 करोड़ लोग हुए प्रभावित; हर बोट मालिक को औसतन 3 लाख रु.का नुकसान, सिर्फ गुजरात में 900 करोड़ रु. का नुकसान हो सकता है https://ift.tt/3aAhU4O

(वीरेंद्र कुमार राय).लॉकडाउन 2.0 में मछली उत्पादन की अनुमति भले मिल गई है, लेकिन देशभर में इससे जुड़ी गतिविधि शुरू करने में खासी दिक्कत आ रही है। मत्स्य कारोबार में लगे 1.4 करोड़ लोग प्रभावित हैं। गुजरात के सूरत व दीव में ही करीब 20 हजार बड़ी वाली बोट व 8 हजार छोटी बोट अब भी समुद्र तट (जेटी) पर खड़ी हैं। वजह है बोट मालिक, सप्लायर और एक्सपोर्टर के पास न क्रू मेंबर हैं और न ही मजदूर।
दूरदराज के क्रू मेंबर, श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं, जो पाबंदियों के चलते लौटने की स्थिति में नहीं हैं। अखिल भारतीय फिशरमैन एसोसिएशन के प्रमुख वेलजीभाई मसानी का कहना है कि अब सरकार से उम्मीद है कि वो फिशरमैन और बोट मालिकों के लिए राहत पैकेज दे। हर बोट मालिक को औसतन 3 लाख का नुकसान है। सिर्फ गुजरात में 900 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।

मछली उत्पादन में तीसरे स्थान पर भारत
भारत मत्स्य उत्पादन में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के मुताबिक वैश्विक मछली उत्पादन में भारत का हिस्सा 6.3 प्रतिशत है। सालाना कुल उत्पादन 70 लाख टन है। भारत से कुल निर्यात का 10 प्रतिशत हिस्सा मछली पालन का है।



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गुजरात के सूरत व दीव में ही करीब 20 हजार बड़ी वाली बोट व 8 हजार छोटी बोट अब भी समुद्र तट (जेटी) पर खड़ी हैं।

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