कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चल रहे लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए सरकार दूसरा प्रोत्साहन पैकेज लाने की दिशा में काम कर रही है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार यानी आज मुलाकात करेंगे। इस पैकेज का ऐलान मुलाकात के बाद 24 से 48 घंटे के बीच हो सकता है। इस मुलाकात के दौरान सरकारी अधिकारियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। हालांकि, प्रोत्साहन पैकेज को लेकर कोई असमंजस नहीं है और सरकार धीरे-धीरे अपने लक्ष्य के अनुसार घोषणा करेगी।
गरीबों-प्रवासी कामगारों पर हो सकता है फोकस
एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे प्रोत्साहन पैकेज को लेकर राज्यों, उद्योग संगठनों और अन्य हितधारकों की ओर से बड़ी संख्या में फीडबैक मिला है। इस पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस पैकेज में शहरी और ग्रामीण दोनों गरीबों पर विशेष फोकस रहेगा। इसमें अपने घरों से दूर फंसे प्रवासी कामगार भी शामिल रहेंगे। इसके अलावा माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) और लॉकडाउन से ज्यादा प्रभावित सेक्टर्स के लिए भी घोषणाएं हो सकती हैं।
क्रेडिट गारंटी फंड में ज्यादा राशि डाल सकती है सरकार
इंडस्ट्री को राहत देने के लिए सरकार क्रेडिट को सस्ता और आसान बनाने और छोटे-मध्यम कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड में ज्यादा राशि डालने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो एमएसएमई को आसानी से क्रेडिट मिल जाएगा। इसके अलावा मनरेगा योजना के तहत मानदेय में बढ़ोतरी और पीएम किसान योजना के तहत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
1.7 लाख करोड़ का हो सकता है दूसरा प्रोत्साहन पैकेज
रिपोर्ट के अनुसार दूसरा प्रोत्साहन पैकेज भी पहले पैकेज 1.7 लाख करोड़ रुपए के आसपास का ही हो सकता है। पहले पैकेज की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च में की थी। यह पैकेज देश की कुल जीडीपी के 0.8 फीसदी के बराबर हो सकता है। अमेरिका ने जीडीपी का 11 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया ने 9.7 फीसदी और ब्राजील ने 3.5 फीसदी के बराबर प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। एसोचैम और फिक्की जैसे उद्योग संगठन 9 से 23 लाख करोड़ रुपए के भारी-भरकम पैकेज की मांग कर रहे हैं।
कई दौर की चर्चा कर चुके हैं पीएमओ के अधिकारी
दूसरे प्रोत्साहन पैकेज को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारी वित्त मंत्रालय, नीति आयोग, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार काउंसिल (ईएसी) के सदस्य और कई स्वतंत्र विशेषज्ञों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर चुके हैं। यह सभी लोग इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल, ईएसी के चेयरमैन बिबेक देब्रॉय, ईएसी सदस्य सज्जाद चिनॉय, 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के डायरेक्टर राठिन रॉय भी इस मुलाकात के दौरान शामिल रहेंगे।
सरकार की ओर से यह लोग शामिल होंगे
इस मुलाकात में सरकार की ओर से कैबिनेट सचिव राजीव गाबा, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, आर्थिक मामलों के सचिव आंतनु चक्रवर्ती, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, नीति आयोग से रतन वातल और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन शामिल रहेंगे।
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