कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पिछले 15 कामकाजी दिनों में 10.02 लाख लोगों केपीएफ निकासी-दावों का निपटान किया है। इन दावों के तहत कुल 3,600.85 करोड़ रुपए लोगों के खातों में ट्रांसफर किए गए। ईपीएफओ के अनुसार इसमें से 6.06 लाख दावे कोरोनावायरस संकट के तहत निपटाए गए हैं।
90 फीसदी दावों का निपटान 3 दिन में
श्रम मंत्रालय के बयान के अनुसार कोरोनावायरस संकट के तहत आने वाले आवेदनों में से करीब 90 प्रतिशत दावों का निपटान 3 दिन में कर दिया गया। ईपीएफओ ने उमंग एप के जरिये भविष्य निधि से पैसा निकालने और अन्य सेवाओं के लिये ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है।
72 घंटों के अदंर प्रोसेस हो रहा क्लेम
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, भुगतान जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। ईपीएफओ ने इन क्लेम्स को बीते 10 दिन मे ही सेटल किया है। फिलहाल फुल केवाईसी वाले अकाउंट्स को 72 घंटों के लिए अंदर एप्लीकेशन को प्रोसेस करने का काम चल रहा है।
75 फीसदी निकासी की अनुमति
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल में करीब 8 करोड़ ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी है। ईपीएफओ ने इसके लिए ईपीएफ स्कीम-1952 में बदलाव करते हुए यह कहा कि कर्मचारी अपने खाते में जमा रकम का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम निकाल सकते हैं। इस रकम का इस्तेमाल कर्मचारी अपनी जरूरतों के लिए कर सकते हैं और इसे फिर से जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
लोगों की मदद को आगे आए निजी पीएफ ट्रस्ट
छूट प्राप्त (निजी) पीएफ ट्रस्ट यानि वे कंपनियां, जो कर्मचारियों के भविष्य निधि खाता और पैसे का प्रबंधन स्वयं करती हैं। ऐसे में उन्हें ईपीएफओ के पास ईपीएफ रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होती। बयान के अनुसार छूट प्राप्त पीएफ ट्रस्टों ने 17 अप्रैल 12 बजे से पहले तक 40,826 भविष्य निधि सदस्यों को 68-एल के तहत कोरोना संकट की वजह से दी गयी सुविधा के अंतर्गत 481.63 करोड़ रुपए जारी किए। इनमें सबसे अधिक वितरण करने वालों में एनएलसी लि., टीसीएस और विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के पीएफ न्यास हैं।
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