चीन के शहर ग्वांगझू में तीन स्वस्थ्य फैमिली डिनर के लिए एक एसी रेस्तरां में जाते हैं। रेस्तरां में सभी के टेबलों की दूरी करीब एक मीटर थी। इनमें से एक परिवार वुहान से ट्रैवल करके लौटा था लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे। 24 जनवरी को परिवार A ने उस रेस्टोरेंट में खाना खाया। परिवार B और C उसके नजदीक वाले टेबल पर बैठे थे। परिवार A के एक सदस्य में अगले दिन लक्षण दिखने लगे और पांच फरवरी को उस परिवार के चार अन्य सदस्य और परिवार B के तीन और परिवार C के दो सदस्य बीमार पड़ गए। बाद में इस पर स्टडी किया गया जहां से पता चला कि उस रेस्टोरेंट में सेंट्रल एयर कंडीशनर था और रेस्तरां में एक भी खिड़की नहीं थी। स्टडी से यह निष्कर्ष निकला कि एयर कंडीशन्ड वेंटिलेशन की वजह से ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन हुआ। इंफेक्शन की मुख्य वजह हवा का बहाव था। रिसर्च में सलाह दी गई कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए वेंटीलेशन को बेहतर किए जाने की जरूरत है।
सेंट्रल एसी में रहने से हो सकता है कोरोना!
स्टडी के मुताबिक, सेंट्रल एसी जो किसी बड़ी जगह जैसे मॉल, हॉस्पिटल या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लगे होते हैं उनसे कोरोना वायरस फैल सकता है। ऐसा ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन के जरिए हो सकता है। हालांकि, स्टडी में घर के एसी को सेंट्रल एसी की तुलना में सुरक्षित माना गया है। एक दूसरी स्टडी में कहा गया है कि घर पर रहकर भी कोरोना के शिकार हो सकते हैं। सेंटर फॉर साइंस ऐंड इनवायरमेंट (CSE) की मानें तो गलत डिजाइन वाले एयर कंडिशन सिस्टम, घर में वेंटिलेशन ठीक न होना कोरोना को फैलने में मदद कर सकता है। स्टडी के मुताबिक, बाहर का गर्म तापमान अगर कोरोना को कमजोर करेगा तो घर पर एसी की मदद से ठंडा किया गया तापमान (खासकर सेंट्रल एसी) इस वायरस को फैलने में मदद करता है। ऑफिस, रेस्तरां या माॅल जाने पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
एसी में रहने के लिए क्या करें?
अमेरिका की सीडीसी द्वारा जारी रिपोर्ट में भी यह बताया गया है कि सेंट्रल एसी सिस्टम में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने की आशंका हो सकती है। अगर आप घर में एसी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो एहतियात के तौर पर घर की खिड़कियों को खोलकर रखना अच्छा है, ताकि कमरे में हवा की आवाजाही ठीक से होती रहे। सेंट्रल एसी व्यवस्था वाली सार्वजनिक जगहों पर अगर काम करना बहुत जरूरी है तो वेंटिलेशन का ध्यान रखना होगा, साथ ही यह भी देखना होगा कि कमरे की हवा का माइक्रो स्तर पर फिल्टरेशन हो। थोड़ी देर खिड़की खोलकर रखें। जहां तक कार के एसी की बात है, तो जितना संभव हो, कार चलाते समय खिड़की खुली रखें। वेंटिलेशन बढ़ाएं और सतह को असंक्रमित करते रहें।
महामारी के चलते रेस्तरां इंड़स्ट्री बुरी तरह प्रभावित
कोरोना का संक्रमण रेस्तरां से फैलने का ज्यादा डर है। लंबे समय तक लोग अब रेस्तरां में जाकर खाना खाने से बचना चाहेंगे। पहले से नुकसान झेल रही रेस्तरां इंडस्ट्री को कोविड-19 के प्रभाव से बाहर आने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है। नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के अध्यक्ष अनुराग कटियार के मुताबिक, भारत में रेस्तरां इंडस्ट्री का सालाना टर्नओवर 4 लाख करोड़ रुपए के आसपास का है। इंडस्ट्री से करीब 70 लाख लोग डायरेक्ट जुड़े हुए हैं जो कि सिक्किम की जनसंख्या से 11 गुना ज्यादा है। मौजूदा वक्त में यह सेक्टर गंभीर संकट से गुजर रहा है। रेस्तरां इंडस्ट्री का राजस्व शून्य हो गया है। भारतीय होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के महासचिव सुकेश शेट्टी ने कहा, "लॉकडाउन के बाद होटल और रेस्तरां उद्योग में 15% से ज्यादा नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि इस क्षेत्र का डिमांड लंबे समय तक के लिए खत्म हो गया है। लाॅकडाउन के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के चलते कई माह तक लोग बाहर निकलने और रेस्तरां में जाकर खाने से बचेंगे।' शेट्टी के अनुसार, इस सेक्टर में लगभग दो मिलियन से ज्यादा श्रमिक असंगठित क्षेत्र से आते हैं जो कि देशभर के होटल्स, रेस्तरां और बार में कार्यरत हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment