नई दिल्ली: कोरोनावायरस के बढ़ने के साथ ही लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ( health insurance policy ) खरीदने की होड़ लग गई। इसके साथ ही बीमा कंपनियों का धंधा भी, लेकिन तभी महामारी के बीच लोगों को कंफ्यूजन से बचाने के लिए सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने वाली कंपनियों को बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority) ने 1 अप्रैल 2020 से आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ( Arogya Sanjeevani policy) बेचने का आदेश दे दिया जो तकि बाकी बीमारियों के साथ कोरोना को भी कवर करेगी । इस पॉलिसी का कवर अमाउंट 5 लाख रुपए रखा गया है ।
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संजीवनी पॉलिसी विस्तार से-
सरकार ने जो आदेश दिया वो एकदम सही है लेकिन सवाल उठता है कि क्या Arogya Sanjeevani policy की रकम कोरोनो के इलाज के लिए काफी होगी जबकि सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स को कोरोना के टेस्ट के लिए कोई मैक्सिम फीस नहीं बताई है यानि ये हॉस्पिटल जितना चाहें उतना टेस्ट के नाम पर वसूल कर सकते हैं। हालांकि अभी तक की रिपोर्ट्स से पता चला है कि कोरोना के इलाज में 50 हजार से लेकर 4.5 लाख रुपए क खर्च हो रहे हैं। निर्भर करता है कि आपका कोरोना किस स्टेज में है।
दरअसल अगर आप इस पॉलिसी को डीटेल में देखेंगे तो पाएंगे कि इसमें
5 लाख हेल्थ कवर के लिए काफी नहीं-
इसके बारे में जब हमने इंडस्ट्री एक्सपर्ट से बात की तो उनका कहना था कि रूम रेंट और ICU कैपिंग लागू होने पर इलाज का खर्च कवर से ज्यादा हो जाएगा लेकिन अगर आप किसी B ग्रेड के हॉस्पिटल में जाएंगे तो ये काफी हो सकता है। लेकिन इरडा को रेंट की सब लिमिट हटानी होगी ।
वहीं बाकी लोगों का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त 5 लाख की लिमिट लगाना गलत है खास तौर अगर आप मैट्रो सिटी में रह रहे हैं। क्योंकि भले ही आप कोरोना की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस खरीद रहे है लेकिन आने वाले 10-15 सालों में कौन सी बीमारी का आपको इलाज कराना पड़ जाए कहा नहीं जा सकता है। इसीलिए भविष्य का ख्याल रखते हुए 5 लाख की पॉलिसी शायद ही मददगार साबित हो।
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