नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से पूरी अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है, लगभग एक महीने से कामकाज रुका पड़ा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था इससे अछूती नहीं है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए किसान शक्ति संघ द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (kisan credit card) की लिमिट दोगुनी और ब्याज कम करने की मांग की जा रही है। किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह का कहना है कि सरकार को kcc की लिमिट 6 लाख और ब्याज दर 1 फीसदी कर देनी चाहिए ताकि गरीब किसान को राहत मिल सके। अगर सरकार कृषि और किसानों की इस मांग को मान लेती है तो देश के कम से कम 7 करोड़ से ज्यादा किसान संकट से उबर सकते हैं।
अभी तक सरकार ने केसीसी पर बैंकों से लिए गए सभी फसली कर्जों (Agriculture loan) के भुगतान की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई किया है यानि सरकार ने किसानों को 2 महीने की मोहलत दी है। जिसका मतलब है कि अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को बिना किसी बढ़े ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते है। लेकिन किसान संघ और खेती के जानकार से कम बताते हैं। उनकी मांग है कि कर्ज चुकाने की अवधि एक साल तक बढ़ाई जाए।
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि सरकार किसानों को ऑलरेडी सबसे सस्ता लोन देने की बात करती है। दरअसल KCC पर तीन लाख रुपये तक के लोन 9 फीसदी ब्याजदर से मिल जाता है, लेकिन 2 परसेंट की सब्सिडी कीवजह से ये 7 फीसदी पड़ता है और अगर किसान टाइम पर अपना लोन चुकाता है तो उसे 3 फीसदी की एक्स्ट्रा छूट मिल जाती है यानि ईमानदार किसानों के लिए ये सिर्फ 4 फीसदी रह जाती है। जिसे अब इसे एक फीसदी करने की मांग की जा रही है। सरकार इस मांग को मानती है या नहीं ये भविष्य में पता चलेगा।
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