देश के स्टॉक ब्रोकर ग्राहकों और भागीदारों की सेवा के लिए अब नई रणनीतियों के साथ आ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि महामारी के कारण अनिश्चितता के बादल जो मंडरा रहे थे, अब वे व्यापार के लिए धीरे- धीरे फिर से खुलने वाले हैं। यह पहल, टैबलेट कंप्यूटर्स से लैस फाइनेंशियल एडवाइजर्स से लेकर टारगेट प्राइस तक विस्तारित है जो दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन से प्रेरित है। इसने दुनिया भर की कंपनियों पर आर्थिक और सामाजिक तनाव डाला है।
दो महीनों में एक लाख से अधिक व्यापारी इक्विटी बाजार से जुड़े
डिस्काउंट ब्रोकर अप्सटॉक्स की चीफ टेक्नोलॉजी अफसर श्रीनी विश्वनाथ ने कहा, हमारा मानना है कि महामारी के बाद की दुनिया में इस तरह का खाता खोलना 100 प्रतिशत पेपरलेस हो जाएगा। उन्होंने कहा, दस्तावेजों को रखने के लिए सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों का उपयोग करने से निवेशकों के लिए नियमों का अनुपालन आसान हो जाएगा। भारत ने पिछले दो महीनों में एक लाख से अधिक नए इक्विटी व्यापारियों को जोड़ा है।
मार्च और अप्रैल में 12 लाख नए खाते खुले
घरों में बंद लोग स्टॉक जमा कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, मार्च और अप्रैल में एक सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के साथ लगभग 12 लाख नए खाते खोले गए थे, जो साल के पहले दो महीनों में संयुक्त 9 लाख से ज्यादा थे।आर्थिक गतिविधियों के लंबे समय तक बाधित होने से कंपनियों की आय कम हो गई है। विश्लेषकों ने जनवरी से अब तक एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स फर्म के लिए 12 महीने के लाभ अनुमानों में 13 प्रतिशत की कटौती की है।
तिमाही अपडेट को जारी करना बंद कर दिए हैं ब्रोकरेज हाउस
चूंकि अभी आउटलुक अनिश्चित है इसलिए रिलायंस सिक्योरिटीज लिमिटेड ने अभी के लिए शेयरों के लिए होल्ड रेटिंग वापस ले ली है। यह केवल खरीदने या बेचने की सिफारिशों और दो साल के मूल्य लक्ष्यों पर लागू है। रिलायंस सिक्योरिटीज में इंस्टीट्यूशनल बिजनेस के प्रमुख अर्जुन यश महाजन ने कहा, दो साल के टारगेट प्राइस पर जाकर हमने अपनी सलाह और अपने रिसर्च में सभी कम अवधि की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, इससे एक बड़ा अंतर खत्म हो गया है। ब्रोकरेज तिमाही अपडेट जारी नहीं कर रहे हैं।
अर्निंग की रिपोर्ट कांफ्रेंस कॉल में मिल रही है
अर्निंगकी रिपोर्ट को केवल कांफ्रेंस कॉल के दौरान प्रमुख टेकअवे के साथ स्नैपशॉट दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में, जहां 2021 वित्तीय वर्ष एक राइट ऑफ है, वहीं पर वित्तीय वर्ष 2022 पर ध्यान केंद्रित करना सबसे सही बात होगी। असेट अंडर मैनेजमेंट के मामले में भारत की दूसरी सबसे बड़ी फर्म आईआईएफएल समूह ने पिछले साल भारत के फाइनेंशियल एडवाइजर्स को छोटे शहरों में नए ग्राहकों को प्राप्त करने में मदद के लिए उन्हें टैबलेट कंप्यूटर प्रदान किया।
ज्यादातर लोग ट्रेड के लिए मोबाइल फोन का ले रहे हैं सहारा
चूंकि लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों और आईआईएफएल के पार्टनर्स घर से काम कर रहे हैं, इसलिए यह रणनीति अपना काम कर रही है।अब ज्यादातर लोग ट्रेड करने के लिए मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। सलाहकार अब 200 डॉलर से कम की लागत वाले टैबलेट को लाइव ट्रेडिंग से फंड प्रबंधन तक सभी ब्रोकरेज सेवाओं के लिए बेच सकते हैं। यूजर्स को प्रशिक्षित करने में मदद करने वाले चिंतन मोदी ने कहा, अगर क्लाइंट लॉकडाउन के दौरान तकनीक का इस्तेमाल करते हुए देखें तो मैनेजरों को एक इक्विटी ब्रोकर के बजाय मल्टी प्रॉडक्ट एक्सपर्ट या फाइनेंशियल प्लानर मिल गया।
इस बीच, डिस्काउंट ब्रोकर Upstox ने एक प्लेटफार्म को दुरुस्त किया है जो यूज़र्स को रणनीतियों को प्लॉट करने और ऑर्डर देने की सुविधा देता है।
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