इम्प्लॉई और उन्हें सैलरी देने वाले इम्प्लॉयर के हाथ में कुछ ज्यादा पैसा रहे, इसके लिए सरकार ने पीएफ कंट्रीब्यूशन को 12% से घटाकर 10% करने का फैसला किया है। यह तीन महीने के लिए होगा। इससे करीब 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे कर्मचारियों और कंपनियों को 6750 करोड़ अतिरिक्त रुपए मिलेंगे। हालांकि इससे आपके पीएफ फंड पर विपरीत प्रभाव पडेगा और आपको रिटायरमेंट के समय कम रुपए मिलेंगे। हालांकि, केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों का पीएफ 12% ही कटता रहेगा। यह उन कर्मचारियों के लिए रहेगी, जो गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत नहीं आए हैं।
कर्मचारियों को क्या फायदा?
अभी बेसिक सैलरी का 12% पीएफ में कटता है, अब सिर्फ 10% कटेगा। इससे टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी। किसी की बेसिक सैलरी 15 हजार रुपए है तो पीएफ में 1,800 रुपए की बजाय अब 1,500 का कॉन्ट्रिब्यूशन देना होगा। यानी हर महीने 300 रुपए बचेंगे।
पीएफ फंड में कितना कम पैसा पहुंचेगा?
नियम के अनुसार जितना पीएफ फंड के लिए जितना पैसा एम्प्लॉई का कटता है उतना ही पैसा एम्प्लॉयर को भी इस फंड के लिए देना होता है। ऐसे में अगर आपकी बेसिक सैलरी 15 हजार रुपए है तो पीएफ में 1,800 रुपए की बजाय अब 1,500 का कॉन्ट्रिब्यूशन जाएगा और इतना ही आपकी कंपनी मिलाएगी। यानी हर महीने आपके पीएएफ फंड ने 600 रुपए कम पहुंचेंगे। ये नियम 3 महीनों के लिए है यानि आपके पीएफ अकाउंट में कुल 1800 रुपए कम पहुंचेंगे।
होगा 22 हजार से ज्यादा का नुकसान
अगर आपकी उम्र 30 साल है और आपके अकाउंट में 1800 कम हैं तो आपको 60 साल की उम्र में 22,445 रुपए काम मिलेंगे। वहीं अगर आपकी उम्र 40 साल है तो आपको 60 साल की उम्र में 9,679 रुपए काम मिलेंगे। फिलहाल पीएफ अकाउंट पर 8.5 प्रतिशत सालाना ब्याज मिल रहा है।कंपनियों को है ज्यादा फायदा?
पीएफ में जितना कॉन्ट्रिब्यूशन कर्मचारियों का होता है उतना ही एम्प्लॉयर का भी होता है। यानी 12% एम्प्लॉयर को भी जमा करवाना पड़ता है। अब अगले तीन महीने 10% ही जमा करवाना पड़ेगा। इसके उनकी बचत होगी जिसे वे दूसरे काम में लगा सकेंगे। केंद्र और राज्य की सरकारी कंपनियों के लिए 12% कॉन्ट्रिब्यूशन जारी रहेगा।
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