अब तक का भारत का सबसे बड़ा 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज कई मामलों में दिलचस्प पैकेज है। आत्मनिर्भर अभियान के तहत जारी यह पैकेज भारत की जीडीपी का 10 प्रतिशत है। इसके साथ ही यह पाकिस्तान की कुल जीडीपी के बराबर है। जबकि एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की कुल पर्सनल संपत्तियों का यह पांच गुना है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन की तुलना में यह 17 प्रतिशत है।
एसएमई के लोन की माफी, जीएसटी की दरों में कटौती हो सकती है
विश्लेषकों के मुताबिक इस पैकेज का उपयोग एमएसएमई के लोन की माफी, खर्च में बढ़त करने, जीएसटी की दरों में कटौती और एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी जैसे उपायों पर किया जाएगा। पाकिस्तान की कुल जीडीपी इस समय 284 अरब डॉलर की है। जबकि भारत का राहत पैकेज डॉलर में देखा जाए तो यह वियतनाम, पोर्तुगाल, ग्रीस, न्यूजीलैंड और रोमानिया जैसे देशों की जीडीपी से ज्यादा है। ब्लूमबर्ग के बिलिनायर इंडेक्स को देखें तो भारत के टॉप 10 अमीर की पर्सनल संपत्तियों का मूल्य 147 अरब डॉलर है। जबकि राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपए का है जो उन संपत्तियों से 1.8 गुना ज्यादा है। यानी यह मुकेश अंबानी की पर्सनल संपत्तियों से पांच गुना ज्यादा है।
जेपी मोर्गन और मास्टरकार्ड के मार्केट कैपिटलाइजेशन के बराबर
मंगलवार को जारी पैकेज जेपी मोर्गन और मास्टरकार्ड के मार्केट कैपिटलाइजेशन के बराबर है। यह दोनों ग्लोबल कंपनियां हैं। इसके अलावा इंटेल, कोकाकोला और फाइजर जैसी कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन से काफी ज्यादा यह राहत पैकेज है। बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन मंगलवार को 121 लाख करोड़ रुपए पर था। इस तरह से देखा जाए तो यह 20 लाख करोड़ रुपए उसका 17 प्रतिशत बैठता है।
सरकार के विनिवेश लक्ष्य के 10 गुना के करीब
यह राहत पैकेज जनवरी से मार्च के दौरान शेयरों की गिरावट से जितना मार्केट कैपिटलाइजेशन कम हुआ, इसका एक तिहाई है। इस दौरान शेयरों की कीमतों में गिरावट से 58 लाख करोड़ रुपए मार्केट कैपिटलाइजेशन कम हुआ था। यह गिरावट 7 जनवरी से 23 मार्च के बीच हुई थी। भारत ने वित्तीय वर्ष 2021 में कुल 2.1 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश का कार्यक्रम तय किया है। वित्तीय वर्ष 2020 में सरकार ने 65,000 करोड़ रुपए विनिवेश का सुधारित लक्ष्य रखा था। इस तरह से 2.1 लाख करोड़ रुपए की तुलना में यह राहत पैकेज 10 गुना के करीब है।
इसी तरह यह पैकेज मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से दोगुना है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 10 लाख करोड़ रुपए के करीब है।
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