बिजनेस टाइकून अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी वेदांता लिमिटेड अपनी भारतीय तेल यूनिट केयर्न ऑयल एंड गैस कारोबार में से करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। इस मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण क्रूड की कीमतों में आई भारी गिरावट को देखते हुए कंपनी ने यह फैसला किया है।
1 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना
सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता अपना कर्ज चुकाने के लिए केयर्न एंड गैस कारोबार में से अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। वेदांता ने इस संभावित बिक्री से 1 बिलियन डॉलर करीब 7.5 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि गैस की कीमतों में कमी और कोरोना महामारी ने संभावित निवेशकों का केयर्न के प्रति व्यापारिक दृष्टिकोण को कठिन बना दिया है।
कर्ज चुकाने के लिए कई उपाय तलाश रही वेदांता
सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में स्थिरता आने पर केयर्न में हिस्सेदारी बेचने की बातचीत को रोक सकती है। सूत्रों के मुताबिक वेदांता लिमिटेड अपना कर्ज चुकाने के लिए कई अन्य उपाय भी तलाश रही है। हालांकि, वेदांता लिमिटेड के प्रतिनिधि ने इस संभावित हिस्सेदारी की बिक्री पर प्रतिक्रिया से इनकार कर दिया। वेदांता के प्रतिनिधि ने कहा कि ग्रुप की स्थिति काफी अच्छी है और सप्लाई चेन की अस्थायी बाधा दूर करने के लिए कंपनी के पास पर्याप्त लिक्विडिटी उपलब्ध है।
देश की बड़ी तेल उत्पादक कंपनी है केयर्न
केयर्न देश की बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनियों में शुमार है। केयर्न की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश के घरेलू क्रूड तेल उत्पादन में कंपनी की करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है। देश के 58 तेल ब्लॉक्स में कंपनी की भागीदारी है। केयर्न ऑयल एंड गैस लिमिटेड वेदांता ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। वेदांता लिमिटेड का मुख्यालय लंदन में है और वह भारत में कई कारोबार में संलग्न है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment