आरोग्य सेतु ऐप को अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने रिव्यू में 5 में से 2 रेटिंग दी है। एमआईटी ने इसकी तुलना 25 दूसरे देशों के कोविड ऐप से की है। इसे पारदर्शिता और वॉलंटरी यूज के मानकों पर खरा नहीं उतरा। एमआईटी ने दुनिया भर में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप्स के रेटिंग जारी की है। इसके लिए ऐप्स को अमल में लाने के तरीके, डेटा की हैंडलिंग, गोपनीयता और पारदर्शिता से जुड़ी बातों को ध्यान में रखा गया।
5 सवालों से हुआ ऐप का आंकलन
सभी ऐप का आकलन 5 सवालों के आधार पर किया गया। ये सवाल ऐप के स्वैच्छिक या अनिवार्य होने, डेटा के उपयोग, कलेक्ट किए डेटा को समय से डिलीट किया जाना, डेटा की किस्म व मात्रा और ऐप से जुड़ी पारदर्शिता से जुड़े थे। एमआईटी विशेषज्ञों के अनुसार भारत का आरोग्य सेतु जिन दो पैमानों पर खरा साबित हुआ वो हैं- समय से यूजर्स का डेटा डिलीट करना और सिर्फ उपयोगी डेडा मानदंडों का कलेक्शन। वहीं आरोग्य सेतु स्वैच्छिक इस्तेमाल, डेटा उपयोग की सीमाएं और पारदर्शी मानदंडों पर स्कोर करने में नाकाम रहा। इस कारण इसे 5 में से 2 रेटिंग मिली।
सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया सहित 7 को मिली 5 रेटिंग
जिन देशों के Covid-19 ऐप्स ने इस ट्रैकर पर पांच में से पांच अंक हासिल किए उनमें सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, इजराइल, चेक गणराज्य, आइसलैंड और ऑस्ट्रिया शामिल हैं। चीन पांच मापदंडों पर किसी एक में भी स्कोर करने में नाकाम रहा, जबकि फ्रांस, आयरलैंड और ईरान सिर्फ एक मापदंड पर स्कोर करने में सफल रहे।
गूगल के प्ले स्टोर पर 4.5 रेटिंग
गूगल के प्ले स्टोर प्लेटफॉर्म पर इसे 5 में से 4.5 रेटिंग मिली है। आरोग्य सेतु ऐप के लिए ऐप्पल के ऐप स्टोर पर एप्रूवल रेंटिंग भी 5 में से 4.2 के है। भारत में मौजूदा स्थिति में एप्लिकेशन के करीब 10 करोड़ यूजर्स हैं।
आरोग्य सेतु ऐप के बारे में
सरकार का यह ऐप लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में मदद करता है। इसे एंड्रॉयड और आईफोन दोनों तरह के स्मार्टफोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। यह खास ऐप आसपास मौजूद कोरोना पॉजिटिव लोगों के बारे में पता लगाने में मदद करेगा। आपके मोबाइल के ब्लूटूथ, स्थान और मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऐसा किया जाता है।
आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कैसे करना है?
आरोग्य सेतु ऐप में एक चैटबॉट भी है, जिसमें यूजर को कोरोना महामारी से जुड़े सवालों के सही जवाब देते हैं। इसके जरिए न सिर्फ यूजर अपने अंदर कोरोना के लक्षणों की पहचान कर सकेंगा बल्कि ऐप यह भी पता लगाता है कि जाने-अनजाने में यूजर किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया। इसके आधार पर यह यूजर को अगला कदम उठाने की सलाह देती है। अगर यूजर 'हाई रिस्क' एरिया में हैं तो ऐप उसको कोरोना वायरस टेस्ट कराने, हेल्पलाइन पर फोन करने और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए सलाह देती है। इसके लिए ऐप को कोरोना पीड़ितों के डेटाबेस से जोड़ा गया है, हालांकि यह धीरे-धीरे ऐप खुद का डेटाबेस भी तैयार करेगा। ऐप यूजर को इस महामारी से बचाने के टिप्स देती है बल्कि संक्रमित पाए जाने पर सरकार तक जानकारी पहुंचाती है।
11 भाषाओं को सपोर्ट करता है
कोरोना ट्रैकर ऐप आरोग्य सेतु फिलहाल 11 भाषाओं में काम कर रहा है। इसमें हिंदी और अंग्रेजी भी शामिल हैं। यह ब्लूटूथ और लोकेशन एक्सेस कर काम करता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले यूजर को मोबाइल नंबर से ऐप में रजिस्टर्ड होना होगा। इसके बाद ऐप यूजर से कुछ निजी जानकारियां मांगेगा जोकि ऑप्शनल है। प्राइवेसी के बात करें तो सरकार का दावा है कि ऐप पर सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इनक्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर होंगी और किसी थर्ड पार्टी वेंडर के साथ इन्हें शेयर नहीं की जाएगा।
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