बीएसई 500 में नौ ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें दिसंबर तिमाही के मुकाबले मार्च तिमाही में प्रमोटर की हिस्सेदारी बढ़ी और इनके शेयर के भाव भी उछले। आमतौर पर कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी बढ़ने से यह माना जाता है कि कंपनी पर प्रमोटर को भरोसा है। प्रमोटर कई बार इस तथ्य का फायदा भी उठाते हैं और शेयरों में गिरावट आने पर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर बाजार को यह बताने की कोशिश करते हैं कि प्रमोटर कंपनी को फायदे का कारोबार मान रहे हैं।
31 दिसंबर से 20 मई के बीच कंपनियों के शेयरों में दिखा उछाल
एलकेपी सिक्युरिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीएसई 500 समूह में ऑरोबिंदो फार्मा, जेबी केमिकल्स, दीपक नाइट्र्राइट, वैभव ग्लोबल, माइंड ट्र्री, टाटा कंज्यूमर, सन फार्मा, दीपक फर्टिलाइजर्स और बजाज इलेक्ट्रकल्स में दिसंबर के मुकाबले मार्च तिमाही में प्रमोटर की हिस्सेदारी बढ़ी है। साथ ही 31 दिसंबर से 20 मई के बीच इन कंपनियों के शेयरों में भी उछाल देखा गया है।
ऑरोबिंदो फार्मा सबसे ज्यादा 55 फीसदी उछला
इस दौरान इन 9 कंपनियों में ऑरोबिंदो फार्मा, जेबी केमिकल्स आौर दीपक नाइटाइट के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल आया। ऑरोबिंदो फार्मा 55 फीसदी, जेबी केमिकल्स 52 फीसदी और दीपक नाइट्राइट 35.6 फीसदी उछला। हालांकि प्रमोटरों की हिस्सेदारी में मामूली बढ़ोतरी हुई। दिसंबर से मार्च तिमाही के बीच ऑरोबिंदो फार्मा में प्रमोटर की हिस्सेदारी 0.14 फीसदी, जेबी केमिकल्स में 0.23 फीसदी और दीपक नाइट्राइट में 0.05 फीसदी ही बढ़ी।
कुछ शेयर प्रमोटर की हिस्सेदारी बढ़ने के बाद भी गिरे
इस समूह में हालांकि 12 ऐसी कंपनियां भी हैं, जिनमें प्रमोटर की हिस्सेदारी तो बढ़ी, लेकिन शेयरों में गिरावट रही। इनमें एनसीसी 61 फीसदी, एचएफसीएल 48 फीसदी, जीएचसीएल 47 फीसदी, जागरन प्रकाशन 41 फीसदी, टाटा पावर 41 फीसदी, गोदरेज इंडसट्र्रीज 41 फीसदी, टाटा स्टील 40 फीसदी, जस्ट डायल 38 फीसदी, गोदरेज एग्रोवेट 31 फीसदी, जीएमआर इंफ्रा 18 फीसदी, चंबल फर्टिलाइजर 11 फीसदी और डिशमैन कार्बोजेन 10 फीसदी लुढ़के।
फ्यूचर रिटेल में 79 फीसदी गिरावट, प्रमोटर की हिस्सेदारी 6.7 फीसदी घटी
बीएसई 500 में 11 कंपनियां ऐसी रहीं, जिनमें प्रमोटर की हिस्सेदारी भी घटी और शेयर के भाव भी गिरे। इन शेयरों में प्रमोटर की हिस्सेदारी में भारी कमी आई और शेयरों में भी भारी गिरावट दिखी। दिसंबर तिमाही के मुकाबले मार्च तिमाही में फ्यूचर रिटेल में प्रमोटर की हिस्सेदारी 47 फीसदी से घटकर 40.3 फीसदी पर आ गई। इसके शेयरों में 79 फीसदी गिरावट आई है। प्रेस्टिज एस्टेट्स में प्रमोटर की हिस्सेदारी 4.52 फीसदी घटी, जबकि इसके शेयरों में 59 फीसदी गिरावट आई। इसी तरह से आदित्य बिड़ला कैपिटल 57 फीसदी, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट 56 फीसदी, आईआईएफएल फाइनेंस 52 फीसदी, आवास फाइनेंसर्स 48 फीसदी, केईआई इंडस्ट्र्रीज 40 फीसदी, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स 23 फीसदी, वेस्टलाइफ डेवलपमेंट 16 फीसदी, मेट्र्रोपोलिस हेल्थकेयर 12 फीसदी और सुदर्शन चेमिकल 11 फीसदी लुढ़के।
कुछ शेयरों में प्रमोटर हिस्सेदारी घटने के बावजूद शेयर भाव उछले
कुछ शेयर हालांकि ऐसे भी रहे जिनमें प्रमोटर हिस्सेदारी घटने के बावजूद शेयर भाव उछले। एलकेपी सिक्युरिटीज की रिसर्च के मुताबिक ऐसे शेयरों की संख्या 5 रही। नवीन फ्लोरीन 49 फीसदी उछला। भारती एयरटेल 30 फीसदी उछला, जबकि प्रमोटर की हिस्सेदारी 3.72 फीसदी घट गई। लॉरस लैब्स 28 फीसदी, डिक्सन टेक्नोलॉजीज 16 फीसदी और एरिस लाइफसाइंसेज 0.3 फीसदी उछले।
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