नई दिल्ली: अनिल अंबानी ( anil ambani ) की हालत खराब है र इसमें कोरोना का योगदान नहीं है बल्कि उनकी हालत पहले से ही खराब है । अनिल के ऊपर हजारों करोड़ का कर्ज है । अब उस कर्ज को उतारने के लिए अनिल ने एक बड़ा फैसला लिया है। अनिल अंबानी ने अपनी बिजली कंपनियों ( power distribution companies ) में 51 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। दिल्ली में डिस्ट्रीब्यूशन का काम कर रही कंपनियां BSES राजधानी ( bses rajdhani power ltd ) और यमुना डिस्कॉम ( bses yamuna power ltd ) में अनिल अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। इन दोनों कंपनियों को खरीदने के लिए ब्रूकफील्ड एसेट मैनेजमेंट, ग्रीनको एनर्जी, टॉरेंट पावर जैसी 8 कंपनियों ने अपनी इच्छा दिखाई है।
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44 लाख कस्टमर्स हैं दोनों कंपनियों के पास- अनिल की इन दोनों कंपनियों के पास लगभग 44 लाख का कस्टमर बेस है । इन दोनों कंपनियों को बेचने के लिए केपीएमजी ( kpmg ) को हायर किया गया है। यहां एक बैत आपको और बता दें कि इससे पहले भी अनिल ऐसा फैसला कर चुके हैं । मुंबई में अपनी पॉवर डिस्ट्रीब्यशन कंपनी को उन्होने अडानी को बेचा था । 2018 में अनिल अंबानी को इस डील से 18,800 करोड़ रुपये की बड़ी रकम हासिल हुई थी।
कभी दुनिया के छठे रईस थे अनिल- एक वक्त था जब अनिल दुनिया के सबसे रईस लोगों की लिस्ट में नंबर 6 पर आते थे लेकिन आज की तारीख में अनिल की हालत बेहद खराब है । ब्रिटेन की एक अदालत में फरवरी 2020 में उन्होने अपने पास जीरो संपत्ति होने का दावा किया था। चीन के बैंकों के 68 करोड़ डॉलर (4,760 करोड़ रुपये) के कर्ज के मामले की सुनवाई के दौरान भी अनिल अंबानी के वकील ने कमोबेश ऐसी ही बात कही थी।
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