ऑटो सेक्टर के लिए अप्रैल तिमाही बहुत ही बेकार रहनेवाली है। अप्रैल में प्रोडक्शन बंद होने और मई में बंद होने की संभावना से इसकी रिकवरी में समय लग सकता है। हालांकि इस दौरान अप्रैल में थोड़ा बहुत ट्रैक्टर की मांग बनी रही।
ट्रैक्टर में बनी रही मामूली मांग
महिंद्रा एंड महिंद्रा के एक अधिकारी के मुताबिककृषि सेक्टर के लिए कुछ गाड़ियों की बिक्री हुई है। कंपनी की घरेलू स्तर पर 4,716 वाहनों की बिक्री हुई है। लेकिन पिछले वर्ष समान अवधि में यह बिक्री 27,495 थी। यानी 83 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक्सपोर्ट में इसने 1,057 की तुलना में महज 56 गाड़ियों की बिक्री की है। इसमें 95 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
तीसरी तिमाही मेंरिकवरी होती है तो बिक्री पर कमअसर
ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट कहती है कि ट्रैक्टर की बिक्री में लॉकडाउन के दौरान हम कोई खास असर नहीं देख रहे हैं। करीबन 80-90 प्रतिशत हार्वेस्टिंग पहले ही हो चुकी है। राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश से अभी भी बिक्री की मांग है। एडलवाइस की रिपोर्ट कहती है कि यदि तीसरी तिमाही से रिकवरी होती है तो हम दोपहिया में 13-14 प्रतिशत की गिरावट और पैसेंजर वेहिकल में 10-12 प्रतिशत की गिरावट देख सकते हैं। ट्रक की बिक्री में 20 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
चौथी तिमाही में रिकवरी होती है तो बिक्री पर ज्यादा असर
एडलवाइस की रिपोर्ट कहती है कि अगर मांग में रिकवरी चौथी तिमाही से होती है तो दो पहिया में 18-22 प्रतिशत, पैसेंजर वेहिकल में 12-14 प्रतिशत और ट्रक की बिक्री में 24-28 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। लेकिन अगर रिकवरी वित्तीय वर्ष 2022 की पहली तिमाही में आती है तो ऐसे में दोपहिया की बिक्री में 20-25 प्रतिशत, पैसेंजर वेहिकल में 18-25 प्रतिशत और ट्रक की बिक्री में 50 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
मई में 25 और जून में 40 प्रतिशत प्रोडक्शन शुरू हो सकता है
रिपोर्ट कहती है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही यानी अप्रैल में कोई प्रोडक्शन नहीं होनेवाला है। मई में 25 प्रतिशत और जून में 40 प्रतिशत प्रोडक्शन हो सकता है। इसलिए निकट समय में मांग में कमी रहेगी और यह प्राइवेट वेहिकल तभी ड्राइव हो पाएगा जब मांग बढ़ेगी। ऐसा लगता है कि नए वेहिकल की तुलना में प्री ओण्ड कारों की मांग बढ़ सकती है।
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