नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ( pm modi ) द्वारा 20 लाख करोड़ के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा के बाद से वित्त मंत्री ( finance minister nirmala sitharaman ) हर दिन प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों को इस पैकेज से जुड़ी जानकारियां दे रही है। पिछले 3 दिनों में सरकार लगभग 18 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान कर चुकी है । आज एक बार फिर वित्त मंत्री ( finance minister ) ने प्रेस कांफ्रेंस ( press conference ) कर आर्थिक पैकेज ( economic relief package ) की चौथी किस्त का ऐलान किया। जैसी कि उम्मीद था आज की घोषणाएं मूलभूत उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों से जुड़ी थीं। वित्त मंत्री ने कोयला उत्पादन से लेकर डिफेंस और सिविल एविएशन से संबंधित घोषणाएं की। वित्त मंत्री द्वारा की गई इन घोषणाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान ( SELF-RELIANT INDIA ) की बुनियाद रखी जा रही है।
कमर्शियल माइनिंग ( COMMERCIAL MINING ) की मिलेगी छूट-
कोयला उद्योग ( COAL INDUSTRY ) की बात करते हुए मोदी सरकार ( MODI GOVT ) की तरफ से बड़ी सुधारात्मक घोषणा की गई। दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र होने के बावजूद देश अपनी खनन क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाते। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब माइनिंग क्षेत्र में कोर्पोरेट हाउसेज की एंट्री होगी । यानि इस क्षेत्र से सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। कोयला क्षेत्र के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ फंड का ऐलान किया है।
50 ब्लॉकों की होगी नीलामी-
कोयला उत्पादन ( COAL PRODUCTION ) में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कोयला क्षेत्र के 50 ने ब्लॉकों की नीलामी करेगी । इसी के साथ कोल इंडिया लिमिटेड ( COAL INDIA LTD ) की खदानें भी प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी।
रक्षा क्षेत्र में ( DEFENCE SECTOR ) में स्वदेसी पर जोर, FDI सीमा बढ़ी-
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने हथियार ( WEAPONS ) , वस्तुओं, स्पेयर्स ( SPARE PARTS ) को नोटिफाइ कर उनके आयात ( IMPORT ) पर रोक लगाने का फैसला किया है। इन सभी चीजों का उत्पादन भारत में किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रक्षा क्षेत्र में FDI निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया है।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन- सरकार ने डिफेंस ऑर्डीनेंस फैक्ट्री के कार्पोरेटाइजेशन का फैसला करते हुए इसके शेयर मार्केट ( SHARE MARKET ) में लिस्टिंग का ऐलान किया है। लेकिन यहां सरकार ने सपष्ट कर दिया है कि ऑर्डीनेंस फैक्ट्री के कार्पोरेटाइजेशन को प्राइवेटाइजेशन समझने की भूल न करें ।
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