नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) की वजह से शेयर बाजार के निवेशकों के साथ म्यूचुअल फंड इंवेस्टर्स ( Mutual Fund Investors ) को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में इंवेस्टर्स की ओर से निवेश में भी लगातार कमी देखने को मिल रही है। अप्रैल के आंकड़ों ने तो और भी ज्यादा डरा दिया है। अप्रैल में इंवेस्टर्स की ओर से इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual Fund ) मार्च के मुकाबले 46 फीसदी कम निवेश किया है, जोकि एक गंभीर मामला बनता जा रहा है। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की ओर से म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund ) में 50 हजार करोड़ रुपए पैकेज का ऐलान किया था।
अप्रैल नेट इंवेस्टमेंट में गिरावट
इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में मार्च 2020 की तुलना में अप्रैल महीने में शुद्ध निवेश लगभग 46 फीसदी गिरकर 6,212.96 करोड़ रुपए हो गया है। महीने-दर-महीने के आधार पर यह गिरावट कोरोनावायरस संकट और राष्ट्रव्यापी बंद के मद्देनजर दर्ज की गई है। मार्च में इसकी स्थिति 11,485 करोड़ रुपए पर थी। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों से पता चला है कि इक्विटी योजनाओं की आमदनी में साल दर साल 34 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
संपत्ति में हुआ इजाफा
म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत अप्रैल 2019 की तुलना में अप्रैल 2020 में कुल संपत्ति बढ़ी है। पिछले वर्ष 22.26 लाख करोड़ रुपए की तुलना में यह 7.5 प्रतिशत बढ़कर 23.93 लाख करोड़ रुपए हो गई है। वहीं म्यूचुअल फंड में लोगों के निवेश के लिए लोकप्रिय माध्यम माने जाने वाले एसआईपी एयूएम व एसआईपी की बात करें तो इसमें बढ़ोतरी और गिरावट दोनों ही दर्ज की गई हैं।
एसआईपी का हाल
एसआईपी एयूएम अप्रैल 2020 में 2,75,982.88 करोड़ रुपए रहा, जो मार्च 2020 तक 2,39,886.13 करोड़ रुपए था। यानी इसमें 36,096.75 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा अप्रैल 2020 के लिए एसआईपी का योगदान 8,376.11 करोड़ रुपए रहा, जबकि मार्च 2020 में यह 8,641.20 करोड़ रुपए था। यानी कोरोना संकट के दौरान इसमें गिरावट दर्ज की गई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया था ऐलान
म्यूचुअल फंड को राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से 50 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया था। उस वक्त रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया था कि आरबीआई और बाजार और देश की इकोनॉमी को बेहतर बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। उसके बाद भी निवेश से जुड़े जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं वो बाजार के लिए अच्छे नहीं है। जानकारों की मानें तो मई आंकड़े और भी खराब हो सकते हैं। क्योंकि बाजार में अभी भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है और निवेशक निवेश करने से बच रहे हैं।
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