नई दिल्ली: कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच महाराष्ट्र सरकार ( maharashtra govt ) ने एक म आदमी को राहत पहुंचाने के लिए एक नया ऐलान किया है। सरकार ने राज्य के हर आदमी को मेडिक्लेम पॉलिसी ( medical policy ) देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र देश का पहला राज्य होगा जो अपने नागरिकों को फ्री मेडिकल पॉलिसी ( cashless medical policy ) की सुविधा दे रहा है । प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस बारे में घोषणा की है। उन्होनें बताया है कि सभी नागरिकों को राज्य सरकार की हेल्थ स्कीम का लाभ दिया जाएगा । राज्य की 85 फीसदी आबादी महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) के तहत कवर है लेकिन ब इसका फायदा बाकी बचे 15 फीसदी लोगों को भी दिया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि सरकार ने पुणे और मुंबई के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिए जनरल इंश्योरेंस पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन (जीआईपीएसए) के साथ समझौता किया है। मंत्री ने कहा कि इसी तरह सभी रोगों के लिए अलग-अलग पैकेज डिजाइन किए जाएंगे ताकि सभी हॉस्पिटल्स में इलाज में लगने वाले खर्च का मानकीकरण किया जा सके। आपदा प्रबंधन कानून और महामारी कानून के तहत राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए शुल्क तय कर दिया है।
टोपे ने बताया कि पहले जहां इस योजना के तहत 496 अस्पताल कवर थे। लेकिन, अब इसके अंदर 1,000 से अधिक अस्पताल आएंगे।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कोरोना वॉरियर्स के लिए 10 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा की घोषण की है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत पत्रकारों को भी कवर किया है। उनका कहना है कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। उसे बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। समाज में पत्रकारों के योगदान का हम सम्मान करते हैं।
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