चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में भारी गिरावट के बावजूद एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट रहेगी पॉजिटिव https://ift.tt/2zJv16W - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Monday, May 18, 2020

चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में भारी गिरावट के बावजूद एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट रहेगी पॉजिटिव https://ift.tt/2zJv16W

चालू वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी में 4.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि इस गिरावट के बावजूद एग्रीकल्चर सेक्टर का जीडीपी पॉजिटिव रहेगा। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिसिटी, सर्विसेस ट्रेड आदि बुरी तरह प्रभावित होंगे।

31 मई के बाद रिवाइज होंगे जीडीपी के अनुमान

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग कहते हैं कि जीडीपी में गिरावट का ज्यादा असर मैन्युफैक्चरिंग, रियल इस्टेट, सर्विसेस ट्रेड, इलेक्ट्रिसिटी आदि पर दिखेगा। साथ ही खपत पर होनेवाले खर्च में भी इसका असर दिखेगा। वे कहते हैं कि चौथी तिमाही का आंकड़ा जब 31 मई को आएगा, उसके बाद एक बार फिर से अनुमानों में संशोधन किया जाएगा। फिलहाल हमारा अनुमान 0.5 प्रतिशत पर है जो डाउनवर्ड जोखिम के साथ है।

गोल्डमैन और एसबीआई की रिपोर्ट का अनुमान

उधर एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2021 के पूरे साल के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान -4.7 प्रतिशत रह सकता है।गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि लॉकडाउन के हानिकारक आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला राष्ट्र भारत अब तक की अपनी सबसे बड़ी मंदी का अनुभव करेगा। जीडीपी पहले तीन महीनों की अपेक्षा दूसरी तिमाही में वार्षिक आधार पर 45 प्रतिशत कम हो जाएगा। जिसे पहले गोल्डमैन ने 20 प्रतिशत कमी का पूर्वानुमान लगाया था। अब तीसरी तिमाही में 20 प्रतिशत की एक मजबूत रिकवरी देखी जा रही है। जबकि चौथी तिमाही और और अगले साल की पहली तिमाही के अनुमान 14 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित हैं।

लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ा

गोल्डमैन की अर्थशास्त्री प्राची मिश्रा और एंड्रयू टिल्टन ने 17 मई को एक नोट में लिखा, "उन अनुमानों का मतलब है कि वास्तविक जीडीपी वित्त वर्ष 2021 में 5 प्रतिशत तक गिर जाएगा, जो कि किसी भी अन्य मंदी से गहरा होगा। भारत ने कभी अनुभव नहीं किया है। भारत की सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंधों को और आसान करते हुए अपने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश भर में कोरोनावायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।

आर्थिक पैकेज और सुधार का असर

उधर इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच प्रेस ब्रीफिंग की जिसमें उन्होंने देश के 265 अरब डॉलर के वायरस रेस्क्यू पैकेज का ब्योरा दिया। यह भारत के जीडीपी के 10.5 प्रतिशत के बराबर है। गोल्डमैन अर्थशास्त्रियों ने लिखा, "पिछले कुछ दिनों में कई क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधार की घोषणाएं की गई है। "ये सुधार जयादातर मध्यम अवधि के हैं। इसलिए हम उम्मीद नहीं करते कि इनका ग्रोथ को पुनर्जीवित करने पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा। हम मध्यावधि दृष्टिकोण पर उनके प्रभाव को मापने के लिए उनके कार्यान्वयन की निगरानी जारी रखेंगे।

जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, 1.3 अरब लोगों के दक्षिण एशियाई राष्ट्र भारत में संक्रमण बढ़ रहा है। यहां 91,300 से अधिक मरीज हैं। जबकि 2897 लोगों की अब तक इससे मौत हो चुकी है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
हाल में किए गए ज्यादातर सुधार मध्यम अवधि के हैं

No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages