कोरोनावायरस महामारी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। अब सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहन पैकेज पर विचार कर रही है। इस पैकेज में सरकार एमएसएमई सेक्टर के लिए अतिरिक्त क्रेडिट की घोषणा कर सकती है। इस क्रेडिट से एमएसएमई को अपनी वर्किंग कैपिटल के 10 से 15 फीसदी के बराबर लोन लेने में आसानी होगी और वे वेतन का भुगतान कर सकेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
अभी वर्किंग कैपिटल का 10 फीसदी लोन दे रहे बैंक
मौजूदा समय में बैंक एमएसएमई को वर्किंग कैपिटल का 10 फीसदी तक अतिरिक्त क्रेडिट लाइन उपलब्ध करा रहे हैं। यदि सरकार क्रेडिट गारंटी देती है तो भविष्य में यह क्रेडिट लाइन बढ़ सकती है। लॉकडाउन लागू होने के बाद करीब दो महीने से अधिकांश माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। इस कारण एमएसएमई के पास वेतन भुगतान के लिए रुपया नहीं है। सूत्र का कहना है कि सरकार इस सेक्टर की वित्तीय मदद के लिए विचार-विमर्श कर रही हैं।
कृषि के बाद दूसरा बड़ा नौकरीप्रदाता है एमएसएमई सेक्टर
सूत्र ने बताया कि सरकार एमएसएमई को बैंकों से वर्किंग कैपिटल के 10 से 15 फीसदी हिस्से के बराबर अतिरिक्त क्रेडिट लाइन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस लोन को उपलब्ध कराने का मुख्य मकसद वेतन का भुगतान समय पर कराना है। इस लोन को क्रेडिट गारंटी दी जा सकती है और यदि को एंटरप्राइजेज लोन का भुगतान नहीं कर पाता है तो इसकी भरपाई सरकार करेगी। आपको बता दें कि कृषि क्षेत्र के बाद एमएसएमई सेक्टर देश का सबसे बड़ा नौकरीप्रदाता सेक्टर है।
लॉकडाउन के बाद अब तक एमएसएमई को 42,000 करोड़ का लोन आवंटित
एमएसएमई की जीडीपी में करीब 28 फीसदी का योगदान है जबकि कुल निर्यात में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है। यह सेक्टर करीब 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। लॉकडाउन के बाद अब तक बैंकों ने एमएसएमई सेक्टर को आपात क्रेडिट सुविधा के तहत 42,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन आवंटित किया गया है। लॉकडाउन शुरू होने के बाद सरकारी बैंक आपात क्रेडिट सुविधा के तहत वर्किंग कैपिटल के 10 फीसदी के बराबर टॉप-अप लोन मुहैया करा रहे हैं।
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