बायो-डिग्रेडेबल पॉलिमर बनाने वाली कंपनी के मालिक अरहान ने जब अपने बिजनेस की बैलेंस शीट देखी तो उन्हें पता चला कि उनकी कंपनी साल-दर-साल सिकुड़ रही थी और साल में 12 करोड़ रुपए के बिजनेस से उतरकर 2 करोड़ पर पहुंच चुकी थी। दरअसल, अरहान की कंपनी विदेशी कंपनियों पर ज्यादा निर्भर थी, लेकिन हाल के कुछ सालों में उन कंपनियों का रुझान खुद का उत्पादन बढ़ाने पर था। यही वजह थी कि अरहान का बिजनेस घट रहा था।
इससे अवसर में बदल सकती हैं चुनौतियां
इस रिव्यू के बाद अरहान को यह भी पता चला कि कई रिफंड अभी भी मिलने बाकी हैं। अरहान ने इस रिव्यू के बाद अपने बिजनेस पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई किया। साथ ही उसकी टीम ने घरेलू बाजार में संभावनाएं भी तलाशना शुरू कीं। उन देशों में भी बाजार तलाशें, जहां अभी भी उनका उत्पाद इम्पोर्ट हो रहा था। साथ ही पुराने मार्केट में लोकल प्रोडक्शन यूनिट की भी स्थापना की। इससेे जो चुनौतियां थीं, वे अवसर में बदल गईं।’
रिव्यू में जो निष्कर्ष निकलें, उसी आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाएं
अरहान की तरह आप भी अपने घर खर्च और बिजनेस की बैलेंस शीट का रिव्यू कर सकते हैं। लॉकडाउन से बेहतर समय इसके लिए शायद फिर आपको न मिले। रिव्यू में जो निष्कर्ष निकलें, उसी आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाएं। बात घर की हो या बिजनेस की, अपने मौजूदा खर्चों को देखें और उनमें गैरजरूरी खर्चों को कम करें। इससे आपको अपनी बचत बढ़ाने में मदद मिलेगी। ऐसा करने से आप मौजूदा के साथ-साथ पहले के वित्तीय लेनदेन से भी नई सीख लेकर आगे बढ़ सकते हैं।
रिव्यू हर सफलता का राज
अगर आप सफल बनना चाहते हैं तो मौजूदा समय का इस्तेमाल कर अपनी बैलेंस शीट का तुलनात्मक अध्ययन करें और सीख लेने की कोशिश करें। जब आप रिव्यू करते हैं, तब आप इस पूरी प्रक्रिया में आपके दिमाग में एक इमेज बनती है जिससे आप परिस्थितियों को नए नजरिए से देख पाते हैं। आपको हर वित्तीय सफलता और असफलता के कारण खुद-ब-खुद समझ में भी आने लगते हैं। साथ ही भविष्य में क्या करें और क्या न करें, इसकी भी प्लानिंग आसान हो जाती है। रिव्यू करने के दौरान उससे सीखने का मौका भी मिलता है जिसके कारण आप अपना ध्यान पूरे सिस्टम को बेहतर बनाने पर केंद्रित कर पाते हैं जो आपके मूल विजन को और पैना करता है। जब विजन मजबूत होता है तो व्यक्ति का मोटिवेशन और काम करने की ताकत बढ़ जाती है। आप एक काम को नए और कुशल तरीके से करने के बेहतर विकल्प भी खोज पाते हैं।
कैसे करें रिव्यू
- पुराने एवं अभी के बिजनेस रिजल्ट की तुलना करें, अंतर के कारणों का अध्ययन करें।
- पुरानी अच्छी आदतें पहचानें, उन्हें बेहतर करें।
- साल-दर-साल किए खर्च को सामने रखें।
- मौजूदा और पुरानी बैलेंस शीट की तुलना से ये समझें कि कौन सा खर्च जरूरी या गैर-जरूरी था।
- जरूरी खर्च में क्या खर्च और बढ़ाने से लाभ बढ़ सकता है, सोचें।
- क्या गैरजरूरी खर्च को कम करके जरूरी खर्च को बढ़ाया जा सकता है, सोचें।
- गैरजरूरी खर्चों पर विचार करें कि ये क्यों हो रहे हैं।
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