कुछ क्षेत्रों में काम शुरू होने से अब ग्राहक बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कर्ज का रीपेमेंट करने लगे हैं। हालांकि कुछ ग्राहक इसलिए भी कर्ज चुका रहे हैं क्योंकि वे कर्ज के चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं। इससे बैंकों को अब नियमित किश्तें मिलने लगी हैं। इस तरह से अब मोराटोरियम का विकल्प धीरे-धीरे कम हो रहा है।
छोटे कारोबारीभुगतान की शुरुआत कर रहे हैं
बैंकर्स कहते हैं कि कई छोटे कारोबारी शुरुआत में मोराटोरियम का विकल्प पसंद किए थे। लेकिन अब वे कर्ज का हफ्ता चुकाना शुरू कर दिए हैं। कारण कि काम-धंधा धीरे-धीरे शुरू होने से उनकी आवक भी शुरू हो गई है। सैलरी वाले लोग क्रेडिट कार्ड की भी किश्त चुकाने लगे हैं। कारण यह है कि वे अगर मोराटोरियम का विकल्प लेते हैं तो वे बार-बार क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक का रीपेमेंट बढ़कर 40 प्रतिशत हुआ
एयू स्माल फाइनेंस बैंक के सीईओ संजय अग्रवाल कहते हैं कि अप्रैल में हमारा रीपेमेंट का लेवल 20 प्रतिशत था। मई महीने में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है। 25 लाख रुपए तक का कर्ज लेने वाले बिजनेसमैन हफ्ता चुकाने लगे हैं। कारण कि उनकी आवक भी शुरू हो गई है। हमारे लोन बुक का 80 प्रतिशत से भी ज्यादा पोर्टफोलियो इस तरह के छोटे कर्जधारकों के पास है। इन छोटे बिजनेस मैन में लाइट कमर्शियल व्हीकल के मालिक और छोटे दुकानदार हैं।
आवक शुरू होने से कर्ज की रकम मिल रही है
वे कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण उन पर असर हुआ था। लेकिन अब धीरे-धीरे बिजनेस शुरू हो रहा है। आवक शुरू होने से कर्ज के हफ्ता की रकम मिल रही है। यह रकम काफी छोटी होती है। ये छोटे -छोटे कर्जधारक मोराटोरियम के विकल्प से बच रहे हैं। एसबीआई कार्ड के सीईओ हरदयाल प्रसाद कहते हैं कि अप्रैल महीने की तुलना में मई में रीपेमेंट ज्यादा हो रहा है। अप्रैल में रीपेमेंट 25 प्रतिशत था जबकि मई में अब तक यह 19 प्रतिशत बढ़ा है। आनेवाले दिनों में इसमें और वृद्धि होने का अनुमान है।
क्रेडिट कार्ड से भी आ रहा है भुगतान
इसी तरह आरबीएल बैंक ने कहा कि उसके करीबन 13 प्रतिशत ग्राहकों ने मई की शुरुआत में क्रेडिट कार्डस के पेमेंट के लिए मोराटोरियम का विकल्प पसंद किया था। आरबीएल बैंक के सीईओ विश्ववीर आहुजा कहते हैं कि तमाम क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को मोराटोरियम का ऑफर किया गया था। लेकिन एक बार अगर वे मोराटोरियम स्वीकार कर लेते हैं तो फिर कार्ड द्वारा खरीदी मुश्किल हो जाएगी। इससे ज्यादातर ग्राहकों ने रीपेमेंट्स शुरू कर कार्ड का उपयोग करने के ही विकल्प को पसंद किया है। अप्रैल में हमारा खर्च 60 प्रतिशत जितना घटा था। मई में इसमें 35 प्रतिशत रिकवरी दिखी है। इसका अर्थ यह है कि ग्राहक अब धीरे-धीरे खर्च कर रहे हैं।
आरबीआई ने शुरू की थी मोराटोरियम की सुविधा
जानकारी के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने कोविड-19 शुरू होने के बाद वित्तीय संस्थानों के कर्ज को चुकाने के लिए तीन महीने के मोराटोरियम की सुविधा दी थी। इसका अर्थ यह है कि अगर आपके कर्ज की किश्त आज चुकानी है तो आप तीन महीने बाद इसे चुका सकते हैं। लेकिन इसमें कई तरह की दिक्कतें आने लगी हैं। एक तो कुछ संस्थान चक्रवृद्धि ब्याज ले रहे हैं। जिसे ग्राहक पसंद नहीं कर रहे हैं।
दूसरी ओर अगर आपने क्रेडिट कार्ड लिया है और उसका पेमेंट जब तक नहीं करेंगे, तब तक आपको नया पेमेंट नहीं मिलेगा। इसलिए क्रेडिट कार्ड वाले नए पेमेंट के लिए उसका भुगतान कर रहे हैं।
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