स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा सिडबी, वित्तीय सहायता और क्रेडिट बढ़ाने संबंधी सेवाएं मिलेंगीhttps://ift.tt/3fk306j - SAARTHI BUSINESS NEWS

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Tuesday, May 5, 2020

स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा सिडबी, वित्तीय सहायता और क्रेडिट बढ़ाने संबंधी सेवाएं मिलेंगीhttps://ift.tt/3fk306j


स्मॉल इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) ने कहा है कि वो एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा। इस प्लेटफॉर्म के जरिए सिडबी अपने भागीदारों को स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) इकोसिस्टम और इस सेक्टर के प्रति कोरोनावायरस से संबंधी पहल की जानकारी देगा।

एमएसएमई को कई प्रकार की सेवाएं मिलेंगी
सिडबी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस प्लेटफॉर्म का नाम 'इंडिया एसएमई सर्विसेज प्लेटफॉर्म' होगा। इस प्लेटफॉर्म पर माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को ऑपरेशन शुरू करने, वित्तीय सहायता प्राप्त करने, क्रेडिट बढ़ाने समेत कई अन्य सेवाएं भी मिलेंगी। इसके अलावा सरकार इस सेक्टर जुड़ी पॉलिसी, योजनाएं और कार्यक्रमों पर भी नजर रख सकेगी। इसके अलावा रेगुलेटर भी इस प्लेटफॉर्म के जरिए माइक्रोइकोनॉमिक ट्रेंड्स, शिकायतों, जोखिम प्रबंधन और सिस्टेमिक परिदृश्य पर नजर रख सेकेंगी।

सभी योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी: सिडबी चेयरमैन
सिडबी चेयरमैन मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म पर सभी एमएसएमई और भागीदार उपलब्ध होंगे। इस सेक्टर के लिए शुरू की जाने वाली पहल के लिए एकमात्र प्लेटफॉर्म होगा। इस प्लेटफॉर्म पर एक वेबपेज पर डैसबोर्ड होगा जिस पर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, बैंक और इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी।

फाइनेंसरों को भी सहायता मिलेगी
सिडबी का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए फाइनेंसरों को बड़ा मार्केटप्लेस मिलेगा। इसके अलावा उन्हें डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट और लोन मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। साथ ही इंडस्ट्री से जुड़ी एसोसिएशन को इनसाइट और एनालिटिक्स, पार्टनरशिप एंड डायरेक्टरी के लिए एक विंडो उपलब्ध होगी। आपको बता दें कि देश के कुल निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा है, जबकि जीडीपी में 25 फीसदी से ज्यादा का योगदान है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की कुल अर्थव्यवस्था में छोटे कारोबारों की एक-चौथाई के आसपास हिस्सेदारी है। इस सेक्टर में करीब 50 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।




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