पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत नए सब्सक्राइबर्स को खाता खोलने के लिए आधार बेस्ड पेपरलेस केवाईसी प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। PFRDA ने कहा कि उसने ई-ईएनपीएस/प्वॉइंट्स ऑफ प्रेसेंस (जहां एनपीएस खाता खोला जाता है)सुविधाओं को मंजूरी दी है। इसके तहत अब नए सब्सक्राइबर्स के ऑफलाइन आधार को उनकी सहमति के साथ ईएनपीएस खाताखोलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
UIDAI पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं आधार फाइल
आधार बेस्ड ऑफलाइन पेपरलेस केवाईसी वेरिफिकेशन से 12 संख्या वाले पत्र की फिजिकल कॉपी को देने की जरूरत नहीं होती। नईप्रोसेस में आवेदक पासवर्ड से सुरक्षित आधार की XML फाइल को ई-एनपीएस के जरिए UIDAI पोर्टल को एक्सेस करके डाउनलोड कर सकता है। उसी को वे अपनीकेवाईसी के लिए देसकता है।
जल्दी होगा काम
इस सुविधा का फायदा प्वॉइंट्स ऑफ प्रेसेंस (POP) के जरिए ईएनपीएस अकाउंट को खोलने के लिए भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में केवाईसी डिटेल्स मशीन से पढ़े जा सकने वाली XML फॉर्मेट में होती है, जो UIDAI द्वारा डिजिटल तौर पर साइन होता है। इससे ईएनपीएस/पीओपी उसका सत्यापन कर सकते हैं। इससे एनपीएस खाता जल्दी खुल जल्दी खुल सकेगा।
आधार ईकेवाईसी क्या है?
आधार ईकेवाईसी एक पेपरलेस केवाईसी प्रकिया होती है, जो आपकी पहचान, पता व अन्य विवरणों का प्रमाण इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रमाणित कर देती है। इसमें, किसी व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों (Biometrics) की मिलान, उसके आधार डाटाबेस में मौजूद लक्षणों या आधार नंबर से की जाती है। तमाम सरकारी और प्राइवेट कंपनियां जैसे कि फोन कंपनियां, वित्तीय संस्थान, बैंक और निवेश संस्थाएं आधार ईकेवाईसी का प्रयोग भी करने लगे हैं।
इंडसइंड बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने दी वीडियो KYC की परमिशन
इंडसइंड बैंक (Indusind Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए वीडियो के जरिए KYC की परमिशन दी है। इंडसइंड बैंक में इससे बचत खाता खुलवाने और क्रेडिट कार्ड बनवाया जा सकेगा। इसके अलावा कोटक महिंद्रा बैंक भी ग्राहकों को वीडियो के जरिए KYC की परमिशन दे रहा है। इससे किसी भी जगह से अकाउंट खोलने में आसानी होगी।
क्या है KYC?
केवाईसी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित एक पहचान प्रक्रिया है जिसकी मदद से बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं अपने ग्राहक के बारे में अच्छे से जान पाती हैं। KYC यानि "नो योर कस्टमर" यानि अपने ग्राहक को जानिये। बैंक तथा वित्तीय कम्पनियां इसके लिए फॉर्म को भरवा कर इसके साथ कुछ पहचान के प्रमाण भी लेती हैं।
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