नई दिल्ली। जहां एक ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ( Reserve Bank of India Governor Shaktikant Das ) ने लोन मोराटोरियम ( Loan Moratorium ) के तहत अगस्त तक टर्म लोन की ईएमआई ( Term Loan EMI ) भुगतान से आम लोगों को राहत दी है। वहीं दूसरी ओर सभी तरह के लोन की ब्याज दर में कटौती कर देश की जनता की जेब पर बोझ को भी किया है। आरबीआई ( RBI ) की ओर से रेपो रेट ( Repo Rate ) में 0.40 फीसदी की कटौती की है। यानी अब सभी तरह के लोन पर आपकी ईएमआई कम हो जाएगी। जानकारों के अनुसार 40 लाख रुपए का लोन 20 साल के लिए है तो सालाना 11,520 रुपए की बचत होगी। अब आप समझ सकते हैं कि इसी तरह की राहत कार लोन ( Car Loan ), होम लोन ( Home Loan ) और पर्सनल लोन ( Personal loan ) पर भी देखने को मिलेगी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कर्ज लेने वाले ग्राहकों को रेपो रेट में कटौती से किस तरह से राहत मिलने के आसार हैं।
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EMI पर 960 रुपए का फायदा, कैसे?
अगर किसी ने 40 लाख रुपए का कर्ज 20 साल के लिए लिया हुआ है तो रेपो रेट में 40 आधार अंकों की कटौती के हिसाब से मासिक किश्त में 960 रुपए का फायदा होगा। यानी अगर 40 हजार रुपए की मासिक किश्त जाती है तो उसे 39,040 रुपए का भुगतान ही करना होगा। अगर सालाना गणना की जाए तो 11,520 रुपए की सालाना बचत देखने को मिलेगी। जानकारों की मानें मानें तो यह फायदा तब ही देखने को मिलेगा जब लोनधारक ईबीएलआर यानी एक्सटर्नल बेंचमार्क लैंडिंग रेट ( External Benchmark Landing Rate ) से जुड़ा होगा। इसके लिए लोनधारक का सिबिल स्कोर ( Cibil Score ) भी बेहतर होना जरूरी है। इस ऐलान के बाद सबसे ज्यादा फायदा सैलरीड पर्सन और स्टार्टअप खोलने वाले लोगों को होगा, जो लॉकडाउन के कारण कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।
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मार्च में 1500 रुपए का हुआ था फायदा
आरबीआई की ओर से मार्च में रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती का ऐलान किया था। उस समय किसी का 35 लाख रुपए का लोन 15 साल के लिए होगा तो उसे उस वक्त 1500 रुपए का फायदा मासिक किश्त में हुआ होगा। अगर इसे सालाना तौर पर देखें तो करीब 18 हजार रुपए की बचत हुई होगी। आपको बता दें कि रेपो रेट में कटौती से रिटेल लोन जैसे होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन जैसे वे सभी लोन पर मिलता है।
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कब लागू हुआ था EBLR?
अब सोच रहे होंगे कि आखिर ईबीएलआर होता क्या है, इसका जवाब है एक्सटर्नल बेंचमार्क लैंडिंग रेट। जिसे अक्टूबर 2019 से सभी तरह के रिटेल लोन के साथ जोड़ दिया गया था। आज आरबीआई गवर्नर की ओर से रेपो रेट कटौती कर दर 4 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसके तहत बैंक आरबीआई से पैसा लेते हैं। वहीं रिवर्स रेपो में भी कटौती देखने को मिली है। रिवर्स रेपो रेट उसे कहते हैं, जिस दर पर आरबीआई के पास बैंकों का रुपया रखा होता है। यानी आने वाले दिनों में एफडी और सेविंग अकाउंट की दरों में कटौती देखने को मिल सकती है।
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