नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath ) ने चार औद्योगिक संस्थानों के साथ अपने सरकारी आवास पर एमओयू ( MoU ) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत 11 लाख श्रमिक व कामगारों ( Labor and Workers ) को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जाएगा। यह रोजगार स्थानीय स्तर पर संबंधित श्रमिक की दक्षता के अनुसार होगा। दक्षता का पता लगाने के लिए सरकार लॉकडाउन ( Lockdown ) के कारण बाहर से आ रहे श्रमिकों के स्किल का मैपिंग करा रही है। अब तक 18 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैपिंग ( Skill Mapping ) की जा चुकी है।
हो चुकी है श्रमिकों की Skill Mapping
कार्यक्रम में मौजूद रहे फिक्की ( Ficci ) के काउंसिल सदस्य मनोज गुप्ता ने बताया कि श्रमिकों व कामगारों के लिए स्किल मैपिंग का जो काम सरकार कर रही है, वह उद्योगों से जुड़ी संस्थाओं के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। जिन श्रमिकों की स्किल मैपिंग हो चुकी है, उनमें से कुछ को हम लोग अपने साथ जोड़ रहे हैं।
उद्योगों को फायदा होगा
इस दौरान इंडियन इंड्स्ट्रीज एसोसिएशन ( Indian Industries Association ) के उप्र अध्यक्ष पंकज कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि बाहर से जितने भी कामगार व श्रमिक वापस आ रहे हैं, उन्हें उनके स्किल के हिसाब से कार्य मिले। इसको लेकर आईआईए ने भी पहल की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्किल मैपिंग का जो कार्य किया है, उससे उद्योगों को फायदा होगा।" उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितने भी एमएसएमई हैं, उनके साथ हम लोग मिलकर काम रहे हैं।
आपातकाल लेकर आया है नई संभावनाएं
वहीं लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष जनक कुमार ने कहा कि इस वक्त यह आपातकाल हमारे लिए नई संभावनाएं लेकर आया है। प्रदेश सरकार की पहल का हम पूरा साथ देते हैं। सरकार जिन कर्मकार और श्रमिकों के लिए चिंतित है, वे हमारे विश्वकर्मा हैं। वे सब प्रदेश के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा लगभग हर जिले में एमएसएमई की इकाइयां हैं। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक हाथ को काम मिले, जल्द ही यह देश वापस सोने की चिड़िया कहलाए, इसको लेकर लघु उद्योग हमेशा सरकार के साथ खड़ा है।
No comments:
Post a Comment