अच्छे रिटर्न के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।
4 तरह के म्यूचुअल फंड हैं
इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती है। छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न देने वाला माना जाता है।इस तरह की स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है। इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं निवेश
म्युचुअल फंड में तीन तरह से निवेश किया जा सकता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन से लेकर फार्म भरकर निवेश किया जा सकता है। म्युचुअल फंड में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में
लगाया जाता है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है, हालांकि ऐसा नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बिना DEMAT अकाउंट के भी निवेश किया जा
सकता है।
पहला तरीका
यह तरीका काफी आम है। इसमें किसी एजेंट के माध्यम से निवेश करना होता है। अगर एजेंट को खोजने में दिक्कत हो तो जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की वेबसाइट से टोल फ्री नम्बर लेकर बात कर सकते हैं। कंपनी आपके इलाके में जो एजेंट हैं उससे संपर्क करा देगी। फिर इस एजेंट की मदद से आप निवेश कर सकते हैं।
दूसरा तरीका
ब्रोकर या किसी म्युचुअल फंड बेचने वाली वेबसाइट के माध्यम से भी निवेश किया जा सकता है। कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं वह अपने ब्रोकर अकाउंट के माध्यम से भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा देश में एक दर्जन से ज्यादा वेबसाइट हैं जो म्युचुअल फंड बेचती हैं। लोग इन वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर जरूरत हो तो यह वेबसाइट अपने एजेंट भी निवेशक के पास मदद के लिए भेजती है।
तीसरा तरीका
डायरेक्ट प्लान में निवेश। सेबी के आदेश के बाद सभी म्युचुअल फंड कंपनियां अपनी सभी स्कीम्स में डायरेक्ट प्लान का ऑप्शन देती हैं। इनमें निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन होता है। आप म्युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे स्कीम चुनते हैं और कुछ स्टेप में निवेश की प्रक्रिया पूरी करते हैं। यहां पर पेमेंट भी ऑनलाइन करना होता है।
चौथा तरीका
अब पेटीएम मनी ऐप (PayTm Money App) की मदद से आप किसी भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी ऐप की मदद से आप निवेश करने के साथ-साथ अपने पोर्टफलियो को भी आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से कोई कमीशन या फीस नहीं देनी होगी।
शेयर बाजार से जुड़े रिस्क
म्युचुअल फंड अपनी इक्विटी स्कीम में जुटाए पैसों का निवेश शेयर बाजार में करते हैं। स्टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी करना कठिन होता है। इसी कारण इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश रिस्की माना जाता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि थोड़ा-थोड़ा पैसा लम्बे समय तक लगाया जाए तो अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड को लेकर आम तौर पर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल: क्या आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना सारा पैसा खो सकते हैं?
जवाब: बाज़ार से जुड़े होने के कारण, म्यूचुअल फंड में जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का नुकसान हो सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फण्ड के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि आपके सभी पैसे खोने की संभावना कम है।
सवाल: किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
जवाब: आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले फंड के आधार पर न्यूनतम निवेश राशि भिन्न हो सकती है। हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. निवेश कर सकते हैं।
सवाल: क्या मैं म्यूचुअल फंड कभी भी बेच सकता हूं?
जवाब: अधिकांश म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड होते हैं, मतलब आप उन्हें कभी भी बेच सकते हैं। आमतौर पर क्लोज एंड स्कीम की 3-4 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। एक दूसरे तरीके की स्कीम है जिसमें, म्यूचुअल फन कुछ समय के लिए लॉक-इन हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद ओपन एंडेड हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स सेविंग या ELSSकी लॉक-इन अवधि 3 साल है। इसअवधि के बाद, आप ये फंड किसी भी समय बेच सकते हैं।
सवाल: क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?
जवाब: नहीं, म्यूचुअल फंड शोर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसें, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार स्रोत पर टैक्स कटौती की जाती है।
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