6 महीने का ब्याजमुक्त मोराटोरियम देने से 2 लाख करोड़ रुपए का होगा नुकसान, यह 1% जीडीपी के बराबर - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday, June 4, 2020

6 महीने का ब्याजमुक्त मोराटोरियम देने से 2 लाख करोड़ रुपए का होगा नुकसान, यह 1% जीडीपी के बराबर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यदि 6 महीने की अवधि के मोराटोरियम के लोन पुनर्भुगतान को ब्याजमुक्त कर दिया जाता है तो इससे 2.01 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। यह राष्ट्रीय जीडीपी के 1 फीसदी के बराबर है। साथ ही आरबीआई ने मोराटोरियम अवधि का ब्याज मुक्त करने का विरोध जताया। केंद्रीय बैंक ने जोर देते हुए कहा कि मोराटोरियम का उद्देश्य केवल लोन भुगतान की जिम्मेदारी को स्थगित करना है ना कि भुगतान से छूट देना।

एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थानों का नुकसान शामिल नहीं

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए काउंटर ऐफिडेविट में आरबीआई ने कहा कि ब्याजमुक्त करने से 2,01,000 करोड़ रुपए का नुकसान केवल बैंकिंग सिस्टम को होगा। इसमें नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (एनबीएफसी) और अन्य वित्तीय संस्थान शामिल नहीं हैं। यदि बैंक इस राशि को नहीं लेते हैं तो इससे बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता को भारी नुकसान होगा। आरबीआई ने कहा कि किसी भी आर्थिक राहत में अवसर लागत होती है। यदि याचिकाकर्ता के तर्कों को स्वीकार कर लिया जाता है तो कर्जदारों पर पड़ने वाली इस अवसर लागत का बोझ कर्जदाताओं और देश के जमाकर्ताओं पर पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में कई लोगों ने दाखिल की हैं याचिकाएं

आरबीआई की ओर से मोराटोरियम सुविधा देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मेंकई याचिकाएं दाखिल की गई हैं।याचिकाओं में कहा गया है कि ब्याज दरों में राहत दिए बगैर इस योजना का कर्जदारों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। इन याचिकाओं को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से जवाब मांगा था। आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए इन याचिकाओं का विरोध किया है। इस मामले में सुनवाई आज यानी शुक्रवार को भी जारी रहेगी।

क्या है मोराटोरियम?

कोरोना संक्रमण के कारण ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को देखते हुए आरबीआई ने मार्च में कर्जदारों को लोन भुगतान पर 3 महीने की मोहलत (मोराटोरियम) की सुविधा दी थी। यह सुविधा मार्च से मई तक के लिए दी थी। मई में आरबीआई ने फिर मोराटोरियम को तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया था।

मोराटोरियम अवधि का देना होगा ब्याज

मोराटोरियम की घोषणा करते हुए आरबीआई ने साफ कहा था कि इस सुविधा के तहत कर्जदारों को केवल लोन के भुगतान को स्थगित किया गया है। आरबीआई ने कहा था कि जो भी कर्जदार इस सुविधा का लाभ लेंगें, उन्हें इस अवधि के ब्याज का भुगतान करना होगा।

No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages