नई दिल्ली : कोरोना महामारी ( CORONAVIRUS ) के बीच में सामने आए आर्थिक आंकड़ों में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में सिर्फ कृषि क्षेत्र में ही वृद्धि दिखी थी लेकिन किसान फिर ङभी परेशान हैं । दरअसल खरीफ की फसल ( Kharif crop ) की बुवाई शुरू हो चुकी है लेकिन पिछले सीजन में खराब हुई खरीफ की फसल का बीमा किसानों को अभी तक नहीं मिला है। बीमा कंपनियों के पास किसानों ( indurance claim ) का पूरा 6000 करोड़ रूपए फंसा हुआ है। 15,044 करोड़ रुपये के दावों में से केवल 61% का भुगतान बीमाकर्ताओं ने किया है।
PM Fasal Bima Yojana के तहत पूरे देश में 26 मई तक किसानों ने 9,144 करोड़ रुपए के क्लेम किये है। झारखंड और कर्नाटक के किसान जून के कदूसरे सप्ताह तक अपने क्लेम फाइल कर लेंगे। वहीं असम, मध्य प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में फसल बीमा का क्लेम मिलना बाकी है।
ICICI Lombard, Tata AIG, Cholamandalam MS, और Shriram General Insurance ने सरकार के प्रमुख फसल बीमा योजना – पीएम फसल बीमा योजना ( pmfby )को 2019-20 के खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए चुना है। लेकिन इस साल इन राज्यों में किसानों को पिछले साल की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसान हुआ । नतीज इंश्योरेंस कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
एक ओर, बीमा कंपनियां ( INSURANCE COMPANIES ) लगातार बढ़ते क्लेम से परेशान हैं तो वहीं राज्य एक के बाद एक योजना से बाहर निकल रहे हैं, इसमें ताजा उदाहरण तेलंगाना और झारखंड हैं। ये सभी घटनाक्रम फसल बीमा को स्वैच्छिक बनाने और कुछ अन्य सुधारों को पीएमएफबीवाई ( PMFBY ) में लाने के बाद हो रहे हैं।
ऐसे माहौल में कुछ जानकार पीएम फसल बीमा योजना को रीलॉन्च करने की जरूरत बता रहे हैं।
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