नई दिल्ली। जहां एक ओर केंद्र सरकार ( Central Govt ) को इकोनॉमी के मोर्चे पर लगातार झटके लग रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रोजगार मोर्च ( Employment Front ) पर बेहद मामूली सी राहत दी है। सेंटर फोर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ( Center for Monitoring Indian Economy ) की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के मुकाबले मई में बेरोजगारी दर ( Unemployment Rate ) में 0.04 फीसदी का सुधार देखने को मिला है। मई की पहले सप्ताह की रिपोर्ट में भी में सुधार देखने को मिला था। वहीं सरकार की ओर से कोर सेक्टर और जीडीपी के आंकड़े भी पेश किए थे, जिसमें कोरोना वायरस की वजह से देश की इकोनॉमी 11 साल के निचने स्तर पर चली गई है।
बेरोजगारी दर में मामूली सुधार
सेंटर फोर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार देश में मई में बेरोजगारी दर में सुधार होते हुए 23.48 फीसदी पर आ गया है। जबकि अप्रैल के महीने में देश की बेरोजगारी दर 23.52 फीसदी पर थी। रिपोर्ट के अनुसार देश में मई के महीने में 2.1 करोड़ लोग अपने काम पर जा चुके हैं। आपको बता दें कि सीएमआई की मई के पहले हफ्ते की भी रिपोर्ट आई थी, जिसमें भी राहत के आंकड़े दिखाए गए थे।
इकोनॉमी की भयावह स्थिति
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद गिरकर 3.1 फीसदी रहा। जबकि तीसरी तिमाही में यह 4.1 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 2020 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद गिरकर 4.2 फीसदी पर आ गया। जबकि वित्त वर्ष 2019 में यह 6.1 प्रतिशत था। आने वाले दिनों में आंकड़ें और खराब हो सकते हैं।
भारत का कोर इंडस्ट्री सेक्टर अप्रैल में 38 फीसदी गिरा
भारत के आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के चलते अप्रैल 2020 में 38 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। अनुक्रमिक आधार पर आठ प्रमुख उद्योंगों का सूचकांक मार्च 2020 में नौ प्रतिशत तक नीचे चला गया। आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं।
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