उदय कोटक। बैंकिंग सेक्टर में सबसे महंगे सीईओ। 17 साल से कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी एंड सीईओ। हाल में बैंक में हिस्सेदारी घटाने को लेकर आरबीआई के साथ टकराव से चर्चा में रहे। लेकिन अब मामला उल्टा पड़ गया है। जिस बैंक की स्थापना उन्होंने की थी, उसके प्रमुख के रूप में अब वो आगे लंबे समय तक नहीं रह पाएंगे। उनके साथ तीन और बैंकर्स को भी इसी तरह से पद छोड़ना पड़ सकता है।
आरबीआई नेनियम बनाने के लिए जारी किया डिस्कसन पेपर
दरअसलभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय बैंकों के सीईओ के कार्यकाल को सीमित करने के लिए प्रस्ताव पेश कर दिया है। उदय कोटक इसके अकेले शिकार नहीं होंगे। कई बैंकों के एमडी एंड सीईओ पर इसका असर होगा। गुरुवार को जारी कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर डिस्कसन पेपर के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के सीईओ या पूर्णकालिक निदेशक (होलटाइम डायरेक्टर) के कार्यकाल को अब 10 साल तक ही सीमित करने का प्रस्ताव पेश किया है। अगर यह प्रस्ताव अमल में आता है तो सबसे पहले उदय कोटक पर इसका असर होगा।
कोटक बैंक ज्यादा प्रभावित हो सकता है-जैफरीज
डिस्कसन पेपर के मुताबिक अब मैनेजमेंट से ओनरशिप को अलग किया जाएगा। नियम लागू होने के बाद कोटक के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन जायेगा। कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना उदय कोटक ने 2003 में की थी। जैफरीज के विश्लेषकों ने एक नोट में लिखा कि कोटक बैंक ज्यादा प्रभावित हो सकता है। क्योंकि उदय कोटक सीईओ के रूप में 17 साल काम कर चुके हैं। विश्लेषकों ने कहा कि प्रस्तावों का मतलब यह हो सकता है कि कोटक को 2022 या 2023 में पद छोड़ना होगा। इस साल की शुरुआत में उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक में अपनी होल्डिंग को लेकर आरबीआई के साथ अदालती लड़ाई लड़ी।
उदय कोटक ने हाल में घटाई थी हिस्सेदारी
कोर्ट में समझौते के बाद बैंक में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी पिछले हफ्ते में 26 प्रतिशत कर दी है। यह पहले 30 प्रतिशत थी। शुक्रवार को बैंक का शेयर 5.2 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुआ। यह प्रस्ताव भले ही अब आ रहा है, पर इससे पहले यस बैंक के राणा कपूर की आरबीआई ने जबरन छुट्टी कर दी थी। सीईओ राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
दो साल में नया सीईओ खोजना होगा
आरबीआई ने डिस्कसन पेपर में कहा कि प्रबंधन बोर्ड के एक एजेंट की भूमिका निभाता है और बदले में बोर्ड शेयरधारकों के एजेंट की भूमिका निभाता है। गवर्नेंस की विफलताओं ने क्वालिटी गवर्नेंस के प्रभाव को सामने लाकर रख दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह नए दिशा-निर्देशों को लागू करने के बाद बैंकों के सीईओ को दो साल का समय देगा। इस दो साल की अवधि में उन्हें नया सीईओ खोजना होगा। इस आधार पर उदय कोटक को दो साल और मिल सकता है।
दिसंबर तक है उदय कोटक का अभी का कार्यकाल
वर्तमान में उदय कोटकनियुक्ति दिसंबर तक है। आरबीआई ने कहा कि यह नियम केंद्रीय बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित होने के छह महीने बाद या 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी हो जाएगा। केंद्रीय बैंक 15 जुलाई तक अपने प्रस्तावों पर कमेंट्स मांगा है। वैसे आरबीआई के इस फैसले को अमल में लाया जाता है तो केवल उदय कोटक पर ही इसका असर नहीं होगा। इसमें बंधन बैंक लिमिटेड के सी.एस. घोष, आरबीएल बैंक लिमिटेड विश्ववीर आहुजा, फेडरल बैंक लिमिटेड और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के सीईओ शामिल हैं।
कई बैंकों में हाल में हुई है नियुक्ति
निजी क्षेत्र के अन्य प्रमुख बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड और इंडसइंड बैंक लिमिटेड के सीईओ की हाल ही में नियुक्तियां हुई हैं। आरबीआई ने इसी तरह यह भी प्रस्ताव में कहा है कि जो सीईओ संस्थापक नहीं हैं, वे 15 साल तक बैंक में सीईओ पद पर रह सकते हैं। इसी तरह आरबीआई बैंक सीईओ के लिए 70 साल की उम्र में रिटायर होने के लिए मौजूदा आवश्यकता को बनाए रखेगा। एचडीएफसी बैंक के एमडी एंड सीईओ आदित्य पुरी ने पहले ही कहा है कि वे अक्टूबर में 70 साल के होने पर एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के सीईओ के पद से हट जाएंगे। बैंक ने उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए आरबीआई को तीन नामों की लिस्ट भेजी है।
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, उदय कोटक के कार्यकाल पर लटकती तलवार के बावजूद, बैंक के मजबूत, अनुभवी प्रबंधन और अच्छे कॉर्पोरेट गवर्नेंस के कारण इसकी बैलेंस शीट मजबूत रहेगी। इस पर कोई असर नहीं होगा।
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