महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुपने नुकसान में चल रही विदेशी कंपनियों (ग्लोबल सब्सिडियरी एंड एंटिटी) को अगले 1 साल में बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने अब अपने ऑटो और कृषि उपकरण कारोबार पर फोकस करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए कंपनी पूंजी आवंटन में कड़े नियमों का पालन करेगी। यह जानकारी कंपनी प्रबंधन ने मार्च तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करते समय दी है।
कोरियन और अमेरिकन सब्सिडियरी में बड़े नुकसान के बाद फैसला
महिंद्रा एंड महिंद्रा का कहना है कि कोरियन सब्सिडियरी सांगयांग मोटर्स और अमेरिका में टू-व्हीलर एंटिटी गेंजी में बड़े नुकसान के बाद कंपनी को ग्लोबल सब्सिडियरी को बंद करने के लिए प्रेरित किया है। वित्तीय नतीजों के बाद निवेशकों के साथ वेब कॉन्फ्रेंस में महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि कंपनी अब अपनी ग्लोबल रणनीति में बदलाव ला रही है और अब कंपनी ने निवेश पर तुरंत रिटर्न पाने पर फोकस किया है।
कोर बिजनेस की पूंजी को डायवर्ट नहीं किया
पूंजी आवंटन प्लान का बचाव करते हुए आनंद महिंद्रा ने कहा कि हमने कभी भी अपने कोर बिजनेस (ऑटो और कृषि उपकरण) का लाभ नहीं उठाया है और ना ही कभी भी कोर बिजनेस की पूंजी को दूसरे कारोबार में डायवर्ट किया है। आपको बता दें कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप में 179 सब्सिडियरी, 30 संयुक्त उपक्रम और 28 एसोसिएट्स हैं।
चौथी तिमाही में 3255 करोड़ रुपए का घाटा
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुपको पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 3,255 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी को 969 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। शुक्रवार को वित्तीय नतीजे पेश करने के दौरान कंपनी ने कहा कि शुद्ध लाभ पर असर इसलिए दिखा क्योंकि सांगयांग में निवेश को राइट डाउन करना पड़ा और कुछ अंतरराष्ट्रीय सब्सिडियरी में भी यही करना पड़ा। कंपनी ने बताया कि उसका चौथी तिमाही में रेवेन्यू 9,005 करोड़ रुपए था। एक साल पहले समान अवधि की तुलना में यह 35 प्रतिशत कम है। इसी के साथ बोर्ड ने 2.35 रुपए प्रति शेयर के डिविडेंड की भी घोषणा की है।
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