पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि कोई भी एंटिटीया कंपनी लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) स्टेशन खोल सकता है। इसके लिए किसी भी प्रकार के सिटी गैस वितरण लाइसेंस या अन्य लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। देश के ट्रांसपोर्ट को नेचुरल गैस पर शिफ्ट करने की दिशा में इसे रेगुलेटरी का बड़ा कदम माना जा रहा है।
कहीं भी लगाया जा सकता है एलएनजी स्टेशन
2 जून को जारी नोटिस में कहा गया है कि पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड एक्ट में ऐसा कोई प्रोविजन नहीं है जो यह कहता है कि एलएनजी स्टेशन की स्थापना केवल ऑथराइज कंपनी ही कर सकती है। नोटिस के अंतिम पैराग्राफ में पीएनजीआरबी ने कहा है कि एक्ट का अध्ययन करने के बाद यह नतीजा सामने आया है कि कोई भी एंटिटी किसी भी जियोग्राफिकल एरिया में एलएनजी स्टेशन की स्थापना कर सकती है। भले ही वह एंटिटी उस एरिया के लिए ऑथराइज ना हो। हालांकि, पीएनजीआरबी ने कहा है कि एलएनजी स्टेशन स्थापित करने के लिए एंटिटी को एक्ट के अन्य प्रावधानों का पालन करना होगा।
प्राइवेट कंपनियों को होगा बड़ा फायदा
रेगुलेटरी के इस कदम से देश में एलएनजी स्टेशन लगाने को लेकर बन रही भ्रम की स्थिति दूर होगी। इससे शैल और पेट्रोनेट एलएनजी जैसी प्राइवेट कंपनियों की एलएनजी स्टेशन लगाने की राह आसान होगी। इन कंपनियों के पास सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस नहीं है, लेकिन यह कंपनियां परिवहन सेक्टर के लिए एलएनजी का वितरण करना चाहती हैं। इसके लिए यह कंपनियां अपने एलएनजी स्टेशन लगाना चाहती हैं। एलएनजी की रिटेल बिक्री के इस संबंध में शैल ने सरकार से स्षष्टीकरण भी मांगा है। शैल अपने पेट्रोल पंपों के जरिए एलएनजी की बिक्री करना चाहती है। शैल और पेट्रोनेट दोनों के देश में एलएनजी आयात टर्मिनल स्थापित हैं।
सरकारी कंपनियों के लिए भी खुलेंगे रास्ते
पीएनजीआरबी की ओर से यह जानकारी उपलब्ध कराए जाने से प्राइवेट कंपनियों के साथ सरकारी कंपनियों के लिए भी एलएनजी स्टेशन स्थापित करने के रास्ते खुल जाएंगे। देश की सबसे बड़ी गैस वितरण कंपनी गेल एलएनजी नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक्सिनमोबिल, मित्सुई जैसी प्राइवेट कंपनियों से पहले से ही बातचीत कर रही है। गेल 6000 किलोमीटर लंबे स्वर्णिम चतुर्भुज एक्सप्रेस-वे के किनारे एलएनजी नेटवर्क स्थापित करना चाहती है।
क्या है एलएनजी
एलएनजी प्राकृतिक गैस का एक तरल रूप है। इसे आमतौर पर जहाजों के माध्यम से बड़ी मात्रा में उन देशों में भेजा जाता है जहां पाइपलाइन का जाना संभव नहीं है। प्राकृतिक गैस को 160 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करके तरल अवस्था में लाया जा सकता है जिससे कि यह गैसीय मात्रा के मुकाबले 1/600वे हिस्से में रखी जा सके। इसलिए इसे तरलीकृत प्राकृतिक गैस कहा जाता है जिससे गैस परिवहन में कम जगह का इस्तेमाल करती है। प्राकृतिक गैस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस बनाने की प्रक्रिया के दौरान बहुत सारी अशुद्धियां निकल जाती है। इसलिए एलएनजी को प्राकृतिक गैस का शुद्धतम रूप माना जाता है।
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