अमेरिका ने मंगलवार को भारत सहित 10 देशों के डिजिटल सर्विसेज टैक्स (डीएसटी) के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। ये 10 देश अमेरिका के व्यापार साझेदार हैं। इन देशों में ये टैक्स लगाए गए हैं या लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इस टैक्स पर जांच शुरू होने से भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते में खटास बढ़ने और अमेरिका की ओर से कोई नया शुल्क लगाए जाने की आशंका जताई जा रही है। जिन अन्य देशों के डिजिटल टैक्स के खिलाफ जांच शुरू की गई है उनमें ऑस्ट्र्रिया, ब्राजील, चेक रिपब्लिक, यूरोपीय संघ, इंडोनेशिया, इटली, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन शामिल है।
ट्र्रेड एक्ट की धारा 301 के तहत यूएसटीआर करेगी जांच
यह जांच युनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेंजेटिव (यूएसटीआर) कार्यालय करेगा। वह ट्रेड एक्ट की धारा 301 के तहत यह जांच करेगा। इस कानून के तहत अमेरिका की सरकारी एजेंसी दूसरे देशों के उन कदमों के विरुद्ध कार्रवाई कर सकती है, जिन्हें अनुचित और भेदभावपूर्ण माना गया हो या जिन से अमेरिका का व्यापार प्रभावित हो सकता हो।
अमेरिका ने गूगल, एपल और फेसबुक जैसी कंपनियों को निशाना बनाए जाने का लगाया आरोप
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ने एक बयान में कहा कि भारत ने मार्च में 2 फीसदी डीएसटी लगाया है। यह टैक्स सिर्फ अनिवासी कंपनियों पर लगेगा। इसके तहत भारत में रह रहे लोगों को वस्तु या सेवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर टैक्स लगेगा। यह टैक्स उन्हीं कंपनियों पर लगेगा, जिनकी सालाना आय करीब 2 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यह टैक्स एक अप्रैल 2020 से लाागू हो चुका है। रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिका ने ऑनलाइन बिक्री और विज्ञापन से होने वाली आय पर टैक्स लगाए जाने का विरोध किया है। अमेरिका का कहना है कि इस टैक्स के जरिये गूगल, एपल, फेसबुक, अमेजन और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों को निशाना बनाया गया है।
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