अगर आपने हाल ही में गोदरेज इंडस्ट्रीज, अडानी पोर्ट्स, अपोलो टायर्स या इंडसइंड बैंक का स्टॉक खरीदा है, तो आपने शानदार कंपनी में निवेश किया है। इन कंपनियों के प्रमोटर्स ने खुले बाजार से शेयरों की खरीद कर अपनी हिस्सेदारी कंपनियों में बढ़ाई है। यह हिस्सेदारी तब बढ़ाई गई, जब मैनेजमेंट के प्रमुख कर्मचारियों (केएमपी) के लिए लगे प्रतिबंध में ढील दी गई।
ये हैं प्रमुख शेयर जिसमें बढ़ी हिस्सेदारी
इससे यह पता चलता है कि अगर आपने किसी सलाहकार या ब्रोकर्स की सलाह पर इन शेयरों में खरीदी की है तो आपने अच्छा काम किया है। जिन प्रमुख कंपनियों में प्रमोटर्स ने हिस्सेदारी बढ़ाई है उसमें अलेम्बिक फार्मा, एसएच केलकर और मैरिको टॉप स्टॉक्स की सूची में शामिल हैं। प्रमोटर्स ने अपनी ओनरशिप में वृद्धि की है।
अपने बिजनेस के लिए प्रतिबद्ध हैं प्रमोटर्स
रिलायंस सिक्योरिटीज में इंस्टीट्यूशनल प्रमुख अर्जुन यश महाजन ने कहा कि अगर प्रमोटर विपरीत कारोबारी माहौल में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं तो इससे सिर्फ यह पता चलता है कि वे अपने खुद के बिजनेस के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे गिरावट का इस्तेमाल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए करते हैं। विदेशी बाजारों में आसान लिक्विडिटी की उपलब्धता ने कुछ प्रमोटर्स को अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर दिया है।
गोदरेज इंडस्ट्रीज का शेयर 54 प्रतिशत बढ़ा
एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि गोदरेज परिवार के ओनरशिप वाले गोदरेज सीड्स एंड जेनेटिक्स ने 27 मई से 3 जून के बीच गोदरेज इंडस्ट्रीज के 145 करोड़ रुपए के 4.76 मिलियन शेयर खरीदे। गोदरेज इंडस्ट्रीज का शेयर 10 फरवरी को 420 रुपए था। 20 मई को 250रुपए पर आ गया था। तब से अब तक 54 प्रतिशत की इसमें रिकवरी हो चुकी है।
अडानी पोर्ट में प्रमोटर्स ने खरीदे 35 लाख शेयर
इसी तरह अडानी ग्रुप ने 21-29 मई के दौरान अडानी पोर्ट्स के 3.517 मिलियन शेयर खरीदे हैं। यह शेयर भी बढ़ चुका है। इंडसइंड बैंक का शेयर 539 रुपए से गिरकर 250 रुपए तक जा चुका था। लेकिन गुरुवार को यह एक बार फिर 535 रुपए के स्तर को छू लिया। इसमें प्रमोटर्स ने 23 करोड़ रुपए में 5 लाख शेयर खरीदे हैं। इसी तरह जिन अन्य शेयरों में प्रमोटर्स ने हिस्सेदारी खरीदी उसमें प्रमुख रूप से अपोलो टायर्स, बजाज ऑटो, गुलशन पॉली, आरती ड्रग्स, टीवी टूडे नेटवर्क और चंबल फर्टिलाइजर का समावेश है।
अलेंबिक में प्रमोटर्स ने 27 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे तो अपोलो टॉयर्स में 26 करोड़ रुपए के शेयर प्रमोटर्स ने खरीदे।
प्रमोटर्स की ज्यादा हिस्सेदारी से कम होता है रिस्क
दरअसल प्रमोटर्स अगर किसी कंपनी में शेयर खरीदते हैं तो इससे उस कंपनी में रिस्क कम हो जाता है। अगर प्रमोटर्स की ज्यादा हिस्सेदारी कंपनी में है तो प्रमोटर्स हर हाल में कंपनी बचाना चाहेगा। इसलिए वह हमेशा कंपनी को अच्छे तरीके से चलाना चाहेगा। यही कारण है कि हमेशा निवेशकों को कंपनियों में निवेश करने से पहले कई मामलों की जांच करनी चाहिए।
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