फ्रैंकलिन टेम्पल्टन पर सेबी ने और कसा शिकंजा, अब बंद हो गई डेट स्कीम्स के सौदों का होगा फॉरेंसिक ऑडिट - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Tuesday, June 2, 2020

फ्रैंकलिन टेम्पल्टन पर सेबी ने और कसा शिकंजा, अब बंद हो गई डेट स्कीम्स के सौदों का होगा फॉरेंसिक ऑडिट

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड द्वारा बंद की गई 6 डेट स्कीम्स के सौदों की जांच के लिए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और फोरेंसिक ऑडिट फर्म की सेवाओं की नियुक्ति की है। सेबी के इस फैसले से फ्रैंकलिन की मुसीबत और बढ़ गई है।

मुंबई की कंपनी को किया नियुक्त

सूत्रों ने बताया कि टैक्स, एकाउंटिंग, जोखिम और ड्यू डिलिजेंस पर सलाह देने वाली मुंबई की चौकसी एंड चौकसी एलएलपी फर्म को असाइनमेंट किया गया है। फर्म की जांच इसके इर्द-गिर्द होगी कि क्या फंड हाउस और बांड जारी करने वाले कॉर्पोरेट्स के बीच मिलीभगत थी? या डायरेक्टर्स और वरिष्ठ अधिकारियों के हितों के टकराव की घटनाएं और क्या ऐसे लेन-देन किये गए जो योजनाओं में निवेशकों के हितों के विपरीत थे।

30 दिनों में सौंपी जाएगी रिपोर्ट

सेबी ने चौकसी एंड चौकसी को 30 कार्य दिवसों में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि उन्हें सभी पहलुओं को देखना होगा और यह जांचना होगा कि क्या नियमों का उल्लंघन हुआ है। क्या फंड हाउस ने नियमों का ठीक से पालन किया और क्या फंड मैनेजमेंट की तरफ से नियमों को दरकिनार किया गया। बंद की जा चुकी यह स्कीम 23 अप्रैल, 2020 के बाद रिडेम्पशन के लिए उपलब्ध नहीं है।

क्रेडिट रिस्क के रूप में चलाने की हुई आलोचना

बंद की गई स्कीम्स में फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया लो टर्म फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक अक्रुअल फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉरच्यूनिटी फंड शामिल हैं। इस फैसले के लिए निवेशकों द्वारा किए गए हंगामे के बीच फ्रैंकलिन टेंपलटन की सभी 6 स्कीम्स को 'क्रेडिट रिस्क फंड' के रूप में चलाने के लिए आलोचना की गई, जिनमें कम क्रेडिट रेटिंग वाले पेपर्स में अधिकांश निवेश किये गए हैं।

अनलिस्टेड पेपर्स में फंड का था एक्सपोजर

हालांकि इसमें नियमों का उल्लंघन नहीं था परंतु इससे फंड मैनेजर्स के काम करने के तरीके सामने आये। इसका कारण यह था कि डेट म्यूचुअल फंड को वर्गीकृत करने के लिए नियम निर्धारित करने में, सेबी ने सिक्योरिटीज की अवधि को स्पेसिफाई किया लेकिन डेट स्कीम पेपर्स के साथ ऐसा नहीं किया। खबर यह भी है कि फंड में निवेश के बड़े हिस्से में कुछ व्यवसायिक समूहों से संबंधित कंपनियों द्वारा जारी किए गए बांड और सिक्योरिटीज शामिल थीं। इसके अलावा स्कीम्स में अनलिस्टेड पेपर्स का खासा एक्सपोजर था।

लिक्विडिटी में गिरावट के खतरों को नजरअंदाज किया गया

इस उद्योग में एक व्यापक रूप से यह धारणा थी कि भले ही फ्रैंकलिन स्टार फंड मैनेजर ने क्रेडिट जोखिम का ध्यान रखा हो, लेकिन उन्होंने लिक्विडिटी में गिरावट के खतरों को नजरअंदाज किया। यह दिक्कत तब आई जब यह बाजार में कोविड-19 के मद्देनजर पेपर्स बेचने में असमर्थ था। बता दें कि फंड के प्रेसीडेंट ने स्कीम्स को बंद करने के पीछे सेबी का कारण बताया था, जिसकी वजह से सेबी ने फंड को जमकर लताड़ लगाई थी। हालांकि फंड हाउस ने सार्वजनिक रूप से माफी तो मांग ली थी, बावजूद इसके सेबी इस मामले में पूरी तह तक जाना चाह रहा है।

हालांकि अभी तक कोई गलती फंड की नहीं दिखी है

जांच का आदेश देने का नियामक का फैसला अहम माना जा रहा है। इंडस्ट्री के एक व्यक्ति ने कहा, अब तक कोई गलती नहीं दिखाई दी है। 7 मई को जारी प्रेस विज्ञप्ति में सेबी ने कहा कि उसने फ्रैंकलिन टेंपलटन को सलाह दी है कि वह बंद की गई छह डेट स्कीम्स में निवेशकों को पैसा लौटाने पर ध्यान केंद्रित करे। कानून के तहत आवश्यक प्रक्रिया के अनुसार, फ्रैंकलिन इन स्कीम्स के निवेशकों तक पहुंच रहा है ताकि उनकी सहमति ली जा सके।

यदि अधिकांश निवेशक इस फैसले को मंजूरी देते हैं, तो फंड हाउस सिक्योरिटीज को बेचेगा और जब भी उसे लगेगा कि बाजार सही है, वह निवेशकों को पैसा लौटा देगा।



No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages