ओपेक देशों, रूस और अन्य सहयोगी देशों की शनिवार को एक बैठक हुई। इस बैठक में इन देशों के बीच क्रूड के उत्पादन में कटौती को जुलाई अंत तक जारी रखने पर सहमति बन गई। क्रूड उत्पादन में करीब 10 फीसदी की कटौती के बाद इसकी कीमतों के पटरी पर लौटने के बाद यह फैसला लिया गया है।
अप्रैल में 9.7 मिलियन बैरल रोजाना कटौती पर सहमति बनी थी
ओपेक देशों, रूस और अन्य सहयोगी देशों के ग्रुप को ओपेक प्लस के नाम से जाना जाता है। इसी साल अप्रैल में ओपेक प्लस के बीच क्रूड उत्पादन में 9.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन कटौती करने पर सहमति बनी थी। यह कटौती मई और जून महीने में की जानी थी। इस कटौती का मुख्य मकसद कोरोना संकट के कारण कीमतों में आई गिरावट को वापस लाना था।
42 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंची कीमत
क्रूड उत्पादन में कटौती के फैसलेका इसकी कीमतों पर भी असर पड़ा है। बीते शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत अपने तीन महीने के उच्चतम स्तर 42 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। इस साल अप्रैल में क्रूड की कीमत 20 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई थीं। हालांकि, 2019 के अंत के मुकाबले कीमतें अभी भी नीचे चल रही हैं।
पहले से तय योजना के अनुरूप सहमति बनी: ईरानी तेल मंत्री
उत्पादन में कटौती को जुलाई तक जारी रखने पर सहमति बनने की जानकारी देते हुए ईरान के तेल मंत्री ने कहा कि पहले से तय योजना के अनुरूप सभी तेल उत्पादक देशों ने कटौती को जारी रखने पर अपनी सहमति दी है।
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