नई दिल्ली एनके सिंह की अध्यक्षता वाले 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से लेकर 2025-26 तक की अपनी रिपोर्ट आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी। समिति ने पिछले महीने के अंत में यह रिपोर्ट तैयार कर ली थी और इसे राष्ट्रपति को सौंपने के लिए समय मांगा था। इस समिति में अजय नारायण झा, प्रोफेसर अनूप सिंह, डॉ. अशोक लाहिड़ी और डॉ. रमेश चंद सदस्य हैं। आयोग इसी महीने () को भी इस रिपोर्ट की एक कॉपी सौंपेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) यह रिपोर्ट और एक्शन टेकन रिपोर्ट संसद में पेश करेंगी। इस रिपोर्ट में पांच वित्त वर्ष यानी 2021-22 से 2025-26 तक के लिए सिफारिशें की गई हैं। रिपोर्ट पर सबकी निगाहेंवित्त वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति को सौंपी गई थी जिसे सरकार ने एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ संसद में पेश किया था। आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, पिछले वित्त आयोग के अध्यक्षों और सदस्यों, सलाहकार परिषद, विशेषज्ञों और कई जाने माने संस्थानों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। ऐसे समय में जब महामारी के कारण देश में संसाधनों का आधार सिकुड़ता जा रहा है, सरकारी खर्च बढ़ा है और राजस्व में कटौती हुई है, सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट पर लगी है। यह रिपोर्ट करों में कितना राज्यों का हिस्सा सुझाएगी। इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 10 फीसदी बढ़ाकर 42 फीसदी करने की सिफारिश की थी।
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