गुरूग्रामबच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं, इसी विश्वास के साथ होंडा मोटरसाइकल एण्ड स्कूटर इंडिया लिमिटेड (Honda Motorcycle and Scooter India Limited) ने अनूठे तरीके से बाल दिवस 2020 का जश्न मनाया। सड़क पर ‘हर किसी की सुरक्षा’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए होंडा ने अनूठी पहल ‘लिटल रोड ऑफिसर्स’ () का आयोजन किया। इस राष्ट्रव्यापी डिजिटल पहल के माध्यम से देश के 6100 स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा की आदतों पर जागरुक बनाने का प्रयास किया गया। आखिरकार, सड़क सुरक्षा पर जागरुक बच्चा न केवल सुरक्षा के साथ सड़क का उपयोग करता है बल्कि सही मायनों में समाज के लिए सुरक्षा दूत की भूमिका निभाता है और जीवनभर ज़िम्मेदार राइडर भी बना रहता है। ई-गुरूकुल कोविड-19 के मद्देनज़र ‘न्यू नाॅर्मल’ के इस दौर में नए तरीकों से सड़क सुरक्षा पर जागरुकता बढ़ाने के लिए होंडा ने अपने डिजिटल सड़क सुरक्षा जागरुकता प्रोग्राम ‘होण्डा ई-गुरूकुल’ (Honda e gurukul) की शुरूआत की थी। सड़क सुरक्षा अभियान ई-गुरूकुल के तहत पेश किए गए होंडा के लिटल रोड ऑफिसर्स प्रशिक्षण के माध्यम से चौथी से आठवीं कक्षा के 6100 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया। होंडा के सेफ्टी इन्स्ट्रक्टर्स ने देश भर के 17 शहरों के 50 से अधिक स्कूली छात्रों को 3 दिन तक चलने वाले अभियान के माध्यम से सड़क सुरक्षा पर जागरुक बनाया। तीन चरणों में प्रशिक्षण सत्र बच्चों को सड़क सुरक्षा का संदेश देने के लिए एक घंटे के इंटरएक्टिव डिजिटल प्रशिक्षण सत्र को 3 चरणों में बांटा गयाः 1. बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा के सुझावः पहले चरण में बच्चों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए जैसे सड़क पर सुरक्षा के साथ पैदल चलने के सुझाव (जेबरा क्राॅसिंग पर सड़क पार करना, पेवमेन्ट न होने पर यातायात की विपरीत दिशा में चलना), सुरक्षित रूप से साइकल चलाने के सुझाव (ब्रेक, बैल और टायर चैक, साइकल पर रिफलेक्टर आदि); सड़क सुरक्षा के संकेत और चिन्ह (अनिवार्य, चेतावनी और सूचनात्मक संकेत)। बच्चों को इस बात पर निर्देश दिए गए कि स्कूल बस में यात्रा के दौरान कैसे सुरक्षित रहें (चलती बस में खड़े न हों, ड्राइवर का ध्यान न भटकाएं)। 2. बच्चे कैसे अपने अभिभावकों और रिश्तेदारों को सड़क पर सुरक्षा अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, इस विषय पर लर्निंग सत्रः दूसरे चरण में, सेफ्टी इंस्ट्रक्टर्स ने बच्चों को सड़क सुरक्षा के ऐसे तरीके बताएं, जो वे अपने अभिभावकों और रिश्तेदारों को बता सकें एवं स्वयं की सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर सकें। इनमें शामिल थे- वाहन की जांच (घर से निकलने से पहले ब्रेक, टायर, ईंधन की जांच और वाहन में लाईट्स की जांच); राइडिंग गियर और सीट बेल्ट (उचित कपड़े पहनना, सीट बेल्ट और हेलमेट का महत्व); स्पीड की भूमिका (तेज़ स्पीड और कम स्पीड); और क्या करें और क्या न करें (कार में बैठते या बाहर निकलते समय, किन बातों का ध्यान रखें, सड़क पर उग्र व्यवहार न अपनाएं)। 3. शपथ समारोहः अंत में, बच्चों ने सड़क सुरक्षा के नियम अपनाने और अपने घर के लिटल रोड ऑफिसर्स बनने की शपथ ली।
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