मुंबई दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) और किशोर बियाणी के फ्यूचर ग्रुप में विवाद बढ़ता जा रहा है। ऐमजॉन ने फ्यूचर रीटेल लिमिटेड पर भेदिया कारोबार (insider trading) का आरोप लगाते हुए मार्केट रेग्युलेटर सेबी से इसकी जांच कराने का अनुरोध किया है। ऐमजॉन ने साथ ही फ्यूचर रीटेल पर आरोप लगाया है कि उसने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट के अंतरिम फैसले को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को लीक कर गोपनीयता का उल्लंघन किया है। सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) ने पिछले महीने आदेश दिया था कि उसका अंतिम फैसला आने तक फ्यूचर ग्रुप के रीटेल कारोबार की रिलायंस को बिक्री की योजना आगे नहीं बढ़ाई जाए। इस आदेश के कुछ घंटे बाद आरआईएल ने बयान जारी करके कहा था कि वह फ्यूचर ग्रुप के साथ अपनी डील को बिना किसी देरी के पूरी करेगी। नियमों का उल्लंघनसेबी को लिखे पत्र में ऐमजॉन का दावा है कि फ्यूचर ग्रुप यह इसके प्रमोटरों ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के अंतरिम फैसले को सार्वजनिक होने से पहले ही रिलायंस के साथ साझा करके नियमों का उल्लंघन किया है। सबसे पहले मुकेश धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने सबसे पहले इस फैसले को सार्वजनिक किया जो आर्बिट्रेशन प्रॉसीडिंग का हिस्सा नहीं थी। इस बारे में सेबी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। ऐमजॉन और रिलायंस ने भी उन्हें भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त में फ्यूचर रीटेल सहित अपनी 5 लिस्टेड कंपनियों की फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में विलय करने की घोषणा की थी। इसके बाद रीटेल बिजनस को रिलायंस को ट्रांसफर किया जाएगा। यह सौदा करीब 25000 करोड़ रुपये का है। ऐमजॉन की फ्यूचर रीटेल में फ्यूचर कूपंस के जरिए 5 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐमजॉन ने पिछले साल फ्यूचर कूपंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी 1500 करोड़ रुपये में खरीदी थी। ऐमजॉन ने फ्यूचर पर आरोप लगाया कि उसने सहमति के बिना अपना कारोबार रिलायंस को बेच दिया।
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