नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि देश अपने युवाओं को कारोबार करने की सुगमता देगा और युवाओं को लोगों, खासकर निर्धनतम लोगों, को नवाचार के जरिए सुविधाजनक जीवन देने के लिए काम करना चाहिए। मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के 51वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस ने सिखाया है कि वैश्वीकरण महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद की दुनिया बहुत अलग होने जा रही है जिसमें सबसे बड़ी भूमिका प्रौद्योगिकी की होगी और वह आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता की बहुत बड़ी ताकत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्वीकरण महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने युवाओं को 'कारोबार करने में सुगमता' प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे अपने नवाचार के माध्यम से देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें। उन्होंने युवाओं से कहा, ‘‘देश आपको 'व्यापार करने में सुगमता' प्रदान करेगा और आप इस देश के लोगों के 'जीवन को सुगम’ बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।’’ मोदी ने छात्रों से आग्रह किया कि वे गुणवत्ता पर ध्यान दें और कभी समझौता न करें। वे विश्वसनीयता सुनिश्चित करें और बाजार में दीर्घकालिक विश्वास का निर्माण करें। साथ ही सुनिश्वित करें कि उनके नवोन्मेष व्यापक जन स्तर पर उपयोगी हों । उन्होंने कहा कि देश ने हाल के दिनों में दिखाया है कि किस तरह से प्रौद्योगिकी, शासन को सर्वाधिक गरीबों तक पहुंचने के लिए सबसे शक्तिशाली साधन हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी में तेजी से प्रगति कर रहा है और आम नागरिकों के जीवन को आसान बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने अंतिम स्तर तक वितरण को प्रभावी बनाया है और भ्रष्टाचार के दायरे को कम किया है। प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि आप निराश हो सकते हैं कि हमारे समय में ही कोविड-19 महामारी क्यों हुई, लेकिन इस पर अलग तरीके से सोचें। आपको कार्यस्थल और दुनिया में उभर रहे नए मानदंडों के अनुकूल होने का पहला फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें महसूस हुआ है कि भारत के हर कोने में कुछ न कुछ नवाचार हो रहा है और यह सीधे तौर पर आत्मनिर्भर भारत की विचारधारा से संबंधित है। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘कोरोना का यह संकटकाल दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। कोविड-19 के बाद की दुनिया बहुत अलग होने जा रही है और इसमें सबसे बड़ी भूमिका प्रौद्योगिकी की होगी।’’ संस्थान ने दीक्षांत समारोह में छात्रों को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक, निदेशक का स्वर्ण पदक, डॉ शंकर दयाल शर्मा (भारत के पूर्व राष्ट्रपति) स्वर्ण पदक सहित अन्य सम्मान प्रदान किए। दीक्षांत समारोह में पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया। आईआईटी दिल्ली के पांच पूर्व छात्रों को 'विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार' और एक पूर्व छात्र को 'विशिष्ट पूर्व छात्र सेवा पुरस्कार' प्रदान किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह का मतलब यह नहीं है कि शिक्षा पूरी हो गयी है। वास्तव में यह रोजगार के क्षेत्र में आपके प्रवेश के लिए एक मजबूत आधार के तौर पर काम करती है। उन्होंने कहा, ‘‘...नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) न केवल दुनिया में सबसे बड़े विचार-विमर्श का केंद्र रही है, बल्कि यह दुनिया में सबसे बड़े सुधार के रूप में भी उभरी है। ”
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