नई दिल्ली सुस्ती से जूझ रही इकॉनमी को सहारा देने के लिए सरकार 20 अरब डॉलर के नए प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है। सूत्रों ने इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद दबावग्रस्त सेक्टरों को राहत देना होगा। साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज एक प्रेस कॉन्फ्रेस कर रही हैं। इसमें वह प्रोत्साहन पैकेज का एलान कर सकती हैं। यहां जानिए हर .. -मूडीज ने पहले इस वित्त वर्ष में भारतीय इकॉनमी में 9.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था जिसे उसने घटाकर अब 8.9 फीसदी कर दिया है। इसी तरह 2022 के अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया है। यह संकेत है कि भारतीय इकॉनमी पटरी पर लौट रही हैः सीतारमण -आरबीआई ने तीसरी तिमाही में इकॉनमी के पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान जताया है: सीतारमण -जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है। अक्टूबर में इसमें सालाना आधार पर इसमें 10 फीसदी की तेजी आई है। बैंक क्रेडिट में 23 अक्टूबर तक 5.1 फीसदी तेजी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार रेकॉर्ड स्तर पर है : सीतारमण -मै कुछ नए उपायों की घोषणा करने जा रही हूं। आप इन्हें स्टीमुलस पैकेज कह सकते हैं। इकॉनमी तेजी से पटरी पर लौट रही है। कोरोना के सक्रिय मामले घटे हैंः सीतारमण -आरबीआई के अनुसंधानकर्ता पंकज कुमार द्वारा तैयार की गयी अध्ययन रपट में कहा गया है कि 'भारत तकनीकी रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है। ‘इकोनॉमिक एक्टिविटी इंडेक्स' यानी आर्थिक कामकाज का सूचकांक शीर्षक से लिखे गए लेख में कहा गया है कि लगातार दूसरी तिमाही में आर्थिक संकुचन होने का अनुमान है। हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ संकुचन की दर कम हो रही है और स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। -दूसरी तिमाही के जीडीपी के सरकारी आंकड़े अभी नहीं आए है पर केंद्रीय बैंक के अनुसंधानकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में संकुचन 8.6 प्रतिशत तक रहा होगा। इन अनुसंधानकर्ताओं के विचार बुधवार को जारी आरबीआई के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित हुए हैं। आरबीआई ने पहले ही अनुमान लगा रखा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। -भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने का अनुमान है। इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। -वित्त मंत्री की पीसी से पहले शेयर बाजार में गिरावट। बीएसई सेंसेक्स 300 से अधिक अंक गिरा, निफ्टी में 80 अंक की गिरावट -सरकार कोरोना से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत का एलान कर सकती है। इनमें एविएशन, हॉस्पिटैलिटी और सर्विसेज शामिल हैं। एमएसएमई को भी फायदा मिलने की उम्मीद है। -सूत्रों ने इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद दबावग्रस्त सेक्टरों को राहत देना होगा। साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा। -सुस्ती से जूझ रही इकॉनमी को सहारा देने के लिए सरकार 20 अरब डॉलर के नए प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है। रॉयटर्स ने सरकारी अधिकारियों ने के हवाले से यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक ( ), ( ) और अन्य शीर्ष अधिकारी आज इस पैकेज को अंतिम रूप देंगे।
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