वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का 10वां बजट पेश किया। इस बजट में किसानों को लिए मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। साल 2023 को सरकार ने मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। सरकार मोटे अनाज उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग पर जोर देगी। यही नहीं 2021-22 में फसल का संरक्षण कर के किसानों के खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपए की MSP ट्रांसफर की जाएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले दिनों में कैमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को प्रमोट किया जाएगा. इसके लिए गंगा किनारे की किसानों की जमीन 5 किलोमीटर के कोरिडोर को पहले चरण में चुना जाएगा।
किसानों को हाईटेक सेवाओं के लिए PPP मॉडल की शुरुआत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 44605 करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को शुरू करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं देने के लिए PPP मॉडल की शुरुआत करने की घोषणा की।
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ये भी अहम
- किसानों और स्थानीय आबादी को सिंचाई, खेती और आजीविका की सुविधा प्रदान करने वाली 9 लाख हेक्टेयर से अधिक किसानों की भूमि की सिंचाई प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
- फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग से कृषि और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की लहर चलने की उम्मीद है।
- गंगा कॉरीडार के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है।
पीएम किसान की नहीं बढ़ी राशि
योजना के तहत बजट में इसकी राशि पिछले बजट की तुलाना में 3000 करोड़ बढ़ा दी है। बजट 2021-22 में सरकार ने 65000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था। इस बार यह केवल 68000 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि बजट में 12 करोड़ से अधिक किसानों की उम्मीदों को झटका लगा है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार बजट में पीएम किसान की राशि कम से कम डेढ़ गुनी हो जाएगी, पर ऐसा नहीं हो सका। बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये 2000-2000 की तीन किस्तों में दिए जाते हैं।
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