जीसीएमएमएफ अपने दूध और अन्य डेयरी उत्पादों का विपणन अमूल ब्रांड के तहत करता है। यह देश की अग्रणी डेयरी कंपनी है।
उद्योग मंडल सीआईआई, ग्रामीण प्रबंधन संस्थान (आईआरएमए) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सोढ़ी ने कहा, ‘‘अगर इंडिया को विकसित करना है, तो हमें यह देखना होगा कि भारत भी विकसित हो। भारत केवल सहकारी व्यवसाय करने के तरीके से ही विकसित हो सकता है क्योंकि वह मॉडल केवल छोटे लोगों का ख्याल रखता है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से एक बार फिर हर जगह सहकारिता क्षेत्र की चर्चा हो रही है।
सोढ़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 'सहकार से समृद्धि' का नारा दिया है जिसका अर्थ है सहकारिता के माध्यम से समृद्धि और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक अलग सहकारिता मंत्रालय भी बनाया।
यह सहकारी समितियों के माध्यम से समृद्धि के विचार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘तो क्या आप सोच सकते हैं कि यह अचानक परिवर्तन क्यों और सहकारी समितियों में इतनी रुचि क्यों? भारत बढ़ रहा है। हमारी विकास दर दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में बहुत अधिक है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है। तो क्यों? मुझे लगता है कि हमारे नीति निर्माता और राजनीतिक नेतृत्व ने महसूस किया है कि ‘इंडिया’ तो बढ़ रहा है लेकिन भारत नहीं बढ़ रहा है।’’
सोढ़ी ने कहा कि विशेष रूप से शहरी और ग्रामीण भारत या इंडिया और भारत के बीच आय असमानता बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने पाया है कि अगर भारत को विकसित करना है तो हमें और कंपनियों की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सभी क्षेत्रों में अधिक सहकारी समितियों की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि सहकारी व्यवसाय मॉडल को केवल खेती के काम में ही नहीं बल्कि कहीं भी अपनाया जा सकता है।
सोढ़ी ने कहा कि डेयरी सहकारी समितियों की सफलता के कारण भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है।
उन्होंने कहा कि राज्यों को सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देना चाहिए।
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