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Thursday, April 30, 2020

नौकरीपेशा को नहीं भाया मोराटोरियम, तीन महीने बाद लोन की किस्त जमा करने के लिए मात्र 11% ने किया आवेदन https://ift.tt/3d78Mq5

कोरोना महामारी के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां मंद पड़ी हैं। इससे कारोबार और लोगों की आय पर असर पड़ा है। इस स्थिति से निपटने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लोन के भुगतान पर तीन महीने के मोराटोरियम का विकल्प उपलब्ध कराया है। इसके तहत कर्जदार तीन महीने तक लोन की किस्त नहीं चुकाने का विकल्प चुन सकते हैं। निजी बैंकों के उपलब्ध डाटा के आधार पर रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि इस विकल्प का चुनने में कारोबारों और नौकरीपेशा लोगों ने ज्यादा रूचि नहीं दिखाई हैं।

मात्र 328 कंपनियों ने किया आवेदन
निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और इंड्सइंड बैंक के डाटा के हवाले से इक्रा ने कहा है अभी तक मोराटोरियम विकल्प चुनने के लिए मात्र 328 कंपनियों ने आवेदन किया है। आवेदन करने वाली कंपनियों में टाटा पावर कंपनी, जेएसडब्ल्यू स्टील, कल्याण ज्वैलर्स, एयर इंडिया एक्सप्रेस और ओनजीसी पेट्रो जैसी कंपनियां प्रमुख हैं। 28 अप्रैल को चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित करने के बाद एक्सिस बैंक ने कहा कि वैल्यू के मामले में 25 से 28 फीसदी और संख्या के मामले में मात्र 10 से 11 फीसदी ग्राहकों ने ही मोराटोरियम का विकल्प चुना है। हालांकि, सीमित वर्किंग कैपिटल वाली स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) मोराटोरियम विकल्प का लाभ ले रही हैं। आपको बता दें कि यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक के लिए उपलब्ध है।

वैकल्पिक आधार पर मोराटोरियम की सुविधा
बैंक होलसेल और एसएमई लोन पर मोराटोरियम की सुविधा वैकल्पिक आधार पर प्रदान कर रहे हैं। होलसेल और रिटेल ग्राहकों से मोराटोरियम को लेकर बातचीत कर रहे हैं। जब ग्राहक इसके लिए हामी भर देते हैं, तभी उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। हाल ही में चौथी तिमाही के नतीजों के बाद मीडिया से बातचीत में एचडीएफसी बैंक ने कहा था कि मोराटोरियम सुविधा का लाभ लेने वाले ग्राहकों की संख्या का अनुमान लगाना काफी कठिन हैं। हालांकि, बैंक ने कहा था कि कर्ज बाजार तक कम पहुंच वाले छोटे कारोबारी इस सुविधा का विकल्प चुन रहे हैं। वहीं, होलसेल ग्राहकों के काफी कम आवेदन मिल हैं। इंड्सइंड बैंक ने भी कहा था कि मोराटोरियम का विकल्प चुनने के लिए कॉरपोरेट कर्जदारों के कम आवेदन मिले हैं।

नौकरीपेशा लोग कम चुन रहे मोराटोरियम का विकल्प
आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज के नोट में एक बैंकर का कहना है कि नौकरीपेशा कर्जदाता, जिनकी सैलरी पर लॉककडाउन की वजह से असर नहीं पड़ा है और जिनको ईएमआई करने में कोई दिक्कत नहीं है, वे मोराटोरियम सुविधा का विकल्प नहीं चुन रहे हैं। एक दूसरे बैंकर के मुताबिक, कई लोग यह महसूस कर रहे हैं कि उन्हें स्थगित ईएमआई पर ब्याज देना होगा। इससे लोग हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं। हालांकि, एक्सिस बैंक ने कहा है कि अनिश्चितता को देखते हुए लिक्विडिटी होने के बावजूद कई रिटेल कर्जदारों ने मोराटोरियम के विकल्प को चुना है।

आवेदन करने वाले 98% कर्जदार डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि रिटेल सेगमेंट में मोराटोरिटम सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाले 95 से 98 फीसदी कर्जदार 29 फरवरी तक डिफॉल्ट की श्रेणी में शामिल नहीं हैं। इसके बावजूद तनाव दूर करने के लिए इन कर्जदारों ने मोराटोरियम का विकल्प चुना है। बैंक ने अपने सर्वे में 1000 लोगों का फीडबैक शामिल किया है।



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भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना के आर्थिक असर को कम करने के लिए कर्जदारों को तीन महीने के मोराटोरियम का विकल्प उपलब्ध कराया है।

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