लॉकडाउन के कारण 12 करोड़ स्टाफ नहीं ले सका एक महीने की सैलरी, त्योहारी सीजन में मांग बढ़ी तो छोटे कर्मचारियों को साल के अंत तक झेलनी पड़ेगी परेशानी https://ift.tt/2xVA4kj - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Tuesday, April 28, 2020

लॉकडाउन के कारण 12 करोड़ स्टाफ नहीं ले सका एक महीने की सैलरी, त्योहारी सीजन में मांग बढ़ी तो छोटे कर्मचारियों को साल के अंत तक झेलनी पड़ेगी परेशानी https://ift.tt/2xVA4kj

कोरोना महामारी के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण 10 से 12 करोड़ (70-80%) मजदूर और श्रमिक (ब्लू कॉलर स्टाफ) पिछले महीने की सैलरी लिए बिना ही अपने गृह नगर (होम टाउन) चले गए। मीडिया रिपोर्ट्स केअनुसार इस साल के त्योहारी सीजन में जब तक मांग नहीं उठती, तब तक इस साल की शेष तिमाहियों में भी नौकरियों में कमी आने की उम्मीद है। ऐसे में मजदूरों और श्रमिकों के लिए आने वाले दिनों में रोजगार की समस्या और बढ़ सकती है।


ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और एविएशन को ज्यादा नुकसान
बेटरप्लेस के कॉफाउंडर प्रवीण अग्रवाल के अनुसार मंदी मार्च के मध्य में शुरू हुई और इसके बाद से असंगठित क्षेत्रमें अब तक केवल 2-3 करोड़ लोगों के पास अब अपना रोजगार बरकरार है। रोजगार उपलब्ध करने वाली स्टाफिंग एजेंसी टीमलीज ने कहा कि ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म, एविएशन, रिटेल, आउटडोर एंटरटेनमेंट, फूड एंड बेवरेजेज और रियल एस्टेट सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा, मोटर वाहन, गैर-जरूरी फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स, पोल्ट्री, डेयरी, शिपिंग और कंस्ट्रक्शन में भी शॉर्ट से मीडियम टर्म में इसका असर महसूस होगा। टीमलीज के कोफाउंडर रितुपर्णा चक्रवर्ती का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद और चुनौतियां सामने आएंगी।


अनुबंध के तहत काम करने वाले कर्चारियों पर संकट
अनुबंध के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को ज्यादातर घंटे के हिसाब से भुगतान किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कुछ भी नहीं कमाया है। जैसे ही व्यवसाय बंद हुए ड्राइवरों और वितरण जैसे कामों के लिए लगाए गए कर्मचारियों को रातोंरात कुछ पैसे देकर हटा दिया जाता है।


संविदा कर्चारियों की आय में आई 70 प्रतिशत तक की कमी
स्टाफ एजेंसियों के अनुसार नए जमाने के स्टार्टअप्स जैसे कि बिजनेस-टू-बिजनेस ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म उडान, फूड-डिलीवरी ऐप स्विगी, सोशल कॉमर्स वेंचर मीशो और लॉजिस्टिक फर्म ब्लैकबक के अलावा कई कंपनियों में पिछले कुछ हफ्तों में संविदा कर्मचारियों को हटाया है। इससे इस तरह के स्टाफ की आय में 60-70% की गिरावट देखी गई है।

धीरे-धीरे बढ़ रही मांग
मार्केटप्लेस, अर्बनक्लैप और स्विगी जैसी कंपनियों के कर्मचारियों ने कहा कि कारोबार धीरे-धीरे फिर से शुरू हो रहा है लेकिन मांग 40-50% कम है। विशेषज्ञों ने कहा कि दशहरे तक मांग में बढ़ोतरी नहीं हुई तो कर्मचारियों की संख्या या तो स्थिर रहेगी या साल के अंत तक और कम हो जाएगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मार्केटप्लेस, अर्बनक्लैप और स्विगी जैसी कंपनियों के कर्मचारियों ने कहा कि कारोबार धीरे-धीरे फिर से शुरू हो रहा है लेकिन मांग 40-50% कम है।

No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages