महामारी व अनिश्चितता भरे माहौल में वेंचर कैपिटल फंड्स ने भारत से मुंह फेरा, मार्च तिमाही में सिर्फ 2.2 अरब डॉलर का किया निवेश https://ift.tt/2xe6ciF - SAARTHI BUSINESS NEWS

Business News, New Ideas News, CFO News, Finance News, Startups News, Events News, Seminar News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Tuesday, April 28, 2020

महामारी व अनिश्चितता भरे माहौल में वेंचर कैपिटल फंड्स ने भारत से मुंह फेरा, मार्च तिमाही में सिर्फ 2.2 अरब डॉलर का किया निवेश https://ift.tt/2xe6ciF

दिसंबर तिमाही में 6 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निवेश करने के बाद वेंचर कैपिटल (वीसी) फंड्स ने भारत से मुंह फेर लिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोनावायरस से जुड़ी अनिश्चितता के बीच मार्च 2020 तिमाही में सिर्फ 2.2 अरब डॉलर का वीसी निवेश हुआ। केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि इस दौरान भारतीय बाजार में कई बड़े सौदे हुए।


कई सौदे हैं पाइप लाइन में, लेकिन इन्हें धीमी गति से दिया जाएगा अंजाम
पहले तो मार्च तिमाही में कोरोनावायरस का भारत पर उतना असर नहीं दिख रहा था, जितना चीन पर दिख रहा था। लेकिन बाद में विदेशी कंपनियों ने देखो और इंतजार करो की नीति के तहत अपने सौदों को बाद के लिए टालना शुरू कर दिया, क्योंकि वे देखना चाहते थे कि महामारी उनके कारोबार को किस प्रकार से प्रभावित करती है। केपीएमजी इंडिया के नीतीश पोद्दार ने कहा कि कई सौदे होने के लिए तैयार हैं ,लेकिन इसे धीमी गति से अंजाम दिया जा सकता है। निकट अवधि में वीसी निवेश में कमी देखी जा सकती है, लेकिन लंबी अवधि में इसमें बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।


एडुटेक वीसी निवेश के लिए बना रह सकता है हॉट सेक्टर
रिपोर्ट के मुताबिक एडुकेशन टेक्नोलॉजी (एडूटेक) वेंचर कैपिटलिस्ट्स के लिए हॉट सेक्टर बना रह सकता है। इसके अलावा ऑटो-टेक, फिटनेस संबंधी हेल्थ-टेक भी पसंदीदा सेक्टर हैं। गेमिंग में भी वेंचर निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है। मार्च तिमाही में बायजूस ने 40 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया। अनअकैडमी ने 11 करोड़ डॉलर जुटाए। आकाश एजुकेशनल ने मेरिटनेशन के अधिकग्रहण की घोषणा की। मोबिलिटी कंपनी बाउंस ने 15 करोड़ डॉलर जुटाए।


जोखिम लेने से बचेंगे वीसी निवेशक
पोद्दार ने रिपोर्ट में कहा कि कोरोनावायरस की महामारी का अंत नजदीक नहीं दिखने के कारण वीसी निवेशक फिलहाल जोखिम लेने से बच सकते हैं। हालांकि मंदी के कारण कुछ समय के लिए आईपीओ का दरवाजा बंद होने से कुछ कंपनियों का ब्रिज फंडिंग की जरूरत हो सकती है। ऐसे में वीसी की भूमिका सामने आती है।


यात्रा पर पाबंदी से भी प्रभावित होगा वीसी निवेश
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महामारी की रोकथाम के लिए यात्रा पर पाबंदी लगी हुई है। इसलिए विदेश से भारत में वीसी निवेश की स्थिति दूसरी तिमाही में भी चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी। निवेशकों के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत आकर जांच पड़ताल (ड्यू डिलीजेंस) करना संभव नहीं होगा। कंपनी के अधिकारियों के साथ उनकी आमने-सामने की मुलाकात नहीं हो पाएगी। इसलिए मौजूदा हालत में विदेश से भारत में अधिक वीसी निवेश होने की उम्मीद नहीं है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
महामारी की रोकथाम के लिए यात्रा पर पाबंदी लगी हुई है। इसलिए वीसी निवेशकों के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत आकर जांच पड़ताल (ड्यू डिलीजेंस) करना संभव नहीं होगा। कंपनी के अधिकारियों के साथ उनकी आमने-सामने की मुलाकात नहीं हो पाएगी। इसलिए मौजूदा हालत में विदेश से भारत में अधिक वीसी निवेश होने की उम्मीद नहीं है।

No comments:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages