इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने सरकार और आरबीआई से सिफारिश की है कि कोरोना की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे अलग-अलग सेक्टर के लिए राहत और बढ़ाई जाए। आईबीए ने छोटे एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को क्रेडिट गारंटी और वन टाइम लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा देने की अपील की है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक लोन की ईएमआई के पेमेंट में तीन महीने की छूट को बढ़ाकर छह महीने करने का सुझाव भी दिया गया है। साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) को राहत देने की अपील की गई है।
आईबीए की राय- असाधारण समय में असाधारण फैसले जरूरी
आरबीआई के नियमों के मुताबिक कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग नहीं की जा सकती। डिफॉल्ट वाले मामले इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत डील किए जाते हैं। अलग-अलग इंडस्ट्री के संगठनों के प्रजेंटेशन के आधार पर सुझावों की लिस्ट सरकार और आरबीआई को सौंपी गई है। पिछले हफ्ते आईबीए की बैठक में यह चर्चा हुई थी कि यह असाधारण समय है, इसलिए असाधारण कदम उठाए जाने चाहिए।
कोरोना की वजह से जीडीपी ग्रोथ घटेगी
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक बैंकर्स का कहना है कि पहले इंडस्ट्री और बैंकों की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए जाने चाहिए। अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से इस साल जीडीपी ग्रोथ घटेगी। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक ग्रोथ 1.5% से 2.8% रहने का अनुमान है। आईएमएफ ने 1.9% की उम्मीद जताई है।
आईबीए ने कहा था- हालात देखकर आरबीआई से अपील करेंगे
इस महीने की शुरूआत में एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि हालातों को देखते हुए आईबीए लोन पेमेंट में छूट की सीमा तीन महीने से बढ़ाकर 5 या 6 महीने करने की अपील करेगा। रजनीश कुमार आईबीए के भी चेयरमैन हैं।
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