कोरोनावायरस के कारण देश में जारी लॉकडाउन के कारण कई लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे को देखते हुए बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमाधारकों को पॉलिसी के प्रीमियम के भुगतान को लेकर बड़ी राहत दी है। इरडा ने सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि वे अपने ग्राहकों को किस्तों में प्रीमियम के भुगतान का ऑप्शन दें। जारी निर्देश के अनुसार, बीमाधारक 31 मार्च 2021 तक प्रीमियम की राशि हर महीने, तीन महीने, छह महीने के आधार पर भुगतान कर सकते हैं। इससे पहले प्रीमियम का भुगतान सालाना तौर पर किया जाता है।
इरडा के अनुसार बीमा कंपनी उन उत्पादों के लिए किस्तों में प्रीमियम ले सकती हैं जो उन्हें उपयुक्त जान पड़ता है। पिछले साल सितंबर में इरडा ने बीमा कंपनियों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के मामले में प्रमाणन के आधार पर प्रीमियम भुगतान विकल्प (कई किस्तों में प्रीमियम का भुगतान) प्रस्तुत करने की अनुमति दी थी। इसके लिए उन्हें प्रमाण पत्र लेना होता था।
चार्जिंग स्ट्रक्चर में नहीं कर सकेंगे कोई बदलाव
इरडा ने कि कहा की प्रीमियन को किस्तों में भुगतान करने की सुविधा देने पर भी बेसिक प्रीमियम टेबल और चार्जिंग स्ट्रक्चर में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी फ्रिक्वेंसी मोड में प्रीमियम की कुल राशि अन्य फ्रिक्वेंसी मोड की कुल प्रीमियम राशि के बराबर हों।
सभी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस देना जरूरी किया
सरकार ने लॉकडाउन के बाद कामकाज शुरू करने वाली सभी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस देना जरूरी कर दिया है। अब हर कंपनी को अपने कर्मचारियों को आवश्यक रूप से मेडिकल इंश्योरेंस देना होगा। इससे पहले संस्थानों को अपने कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराना अनिवार्य नहीं था। कॉरपोरेट ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी मुख्य रूप से कर्मचारी के अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करती है। इसमें उसके जीवनसाथी या माता-पिता को भी कवर किया जाता है। इसके चलते बीमारी या दुर्घटना में घायल होने पर आपके इलाज का खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी।
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