अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और इसके टॉप मैनेजमेंट ने बाजार रेगुलेटर सेबी को 4.2 करोड़ रुपए का भुगतान कर एस्सेल ग्रुप के साथ विवादों को खत्म किया है। यह भुगतान एस्सेल ग्रुप के डेट संसाधनों में निवेश को लेकर किया गया है। यह जानकारी सेबी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में दी गई है।
डेट पेपरों के निवेश का भुगतान करने में असफल हो गया था एस्सेल ग्रुप
जानकारी के मुताबिक एचडीएफसी असेट मैनेजमेंट कंपनी ने एस्सेल ग्रुप के डेट संसाधनों में निवेश में किया था। सेबी द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक म्यूचुअल फंड ने नियमों को पूरा करने में उल्लंघन किया था और निवेश से पहले सही तरीके से ड्यू डिलिजेंस नहीं किया था। फरवरी 2019 में सुभाष चंद्रा की एस्सेल ग्रुप ऑफ कंपनीज ने बांड होल्डरों को समय पर भुगतान करने में असमर्थता जताई थी। उसके बाद जब तमाम फंड हाउसों ने एक एग्रीमेंट के तहत करार किया तो एस्सेल ग्रुप ने भुगतान का समय बढ़ा दिया और साथ ही रेगुलेटर के साथ नियमों के उल्लंघन के अरेंजमेंट पर सहमति बनी।
निवेशकों को किया गया 4.4 करोड़ का भुगतान
रेगुलेटर ने यह विवाद तब सेटल किया जब एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को प्रभावित हुई म्यूचुअल फंड की स्कीमों के तहत 4.4 करोड़ रुपए का भुगतान किया और यह राशि एचडीएफसी एएमसी के फंड के बाहर से दी गई और लाइबिलिटी को यूनिट होल्डरों पर असर होने से बचाया गया। इस सेटलमेंट का आवेदन एचडीएफसी असेट मैनेजमेंट कंपनी, एचडीएफसी ट्रस्टी, कंपनी के एमडी एवं सीईओ मिलिंद बर्वे, सीआईओ प्रशांत जैन, सीनियर फंड मैनेजर अनिल बांबोली और शोबित मेहरोत्रा और इसके पूर्व कंप्लायंस अधिकारी येजडी खारीवाला द्वारा किया गया, जिन्हें सेबी ने शोकाज नोटिस जारी किया था।
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